
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार द्वारा नंगल बांध की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले करने के आदेश को लेकर कड़ा विरोध जताया है। केंद्र ने नंगल बांध पर सुरक्षा के लिए 296 सीआईएसएफ जवानों की तैनाती के आदेश दिए हैं, जिसका सालाना खर्च लगभग साढ़े आठ करोड़ रुपये होगा और यह खर्च पंजाब सरकार यानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) पर डाला जाएगा। मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट किया कि यह आदेश पंजाब के लिए अस्वीकार्य है।
मान ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लगातार पंजाब को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले ले रही है, जिसे राज्य सरकार किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वे इस मुद्दे को 24 मई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मजबूती से उठाएंगे और इस फैसले को रद्द करवाकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में सीआईएसएफ की तैनाती मंजूर नहीं की जाएगी।
केंद्र पर पानी चोरी की साजिश का आरोप
संगरूर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मान ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बीबीएमबी में सीआईएसएफ की तैनाती कर पंजाब के पानी की मनमर्जी से चोरी करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र इस तैनाती के जरिए पंजाब का पानी जरूरत पड़ने पर भाजपा शासित राज्यों को देने की फिराक में है। मान ने चेतावनी दी कि राज्य सरकार ऐसी किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी।
बीजेपी नेताओं पर साधी चुप्पी का आरोप
मान ने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब के भाजपा नेता इस मुद्दे पर पूरी तरह से खामोश हैं, जिससे यह साफ है कि वे केंद्र सरकार के इस फरमान के पक्ष में हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पंजाब के पानी के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में भाजपा नेताओं ने एकजुटता की बात कही थी, लेकिन अब वही नेता इस विवादित आदेश पर मौन साधे हुए हैं।
पंजाब की तीन मोर्चों पर लड़ाई
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि पंजाब तीन मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। एक तरफ राज्य पाकिस्तान सीमा से ड्रोन व आतंकियों के खतरे से निपट रहा है, दूसरी तरफ पंजाब में नशे की रोकथाम के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। मान ने कहा कि अब तीसरा मोर्चा केंद्र सरकार ने पंजाब के पानी पर हमला करके खोल दिया है, जिसे राज्य पूरी ताकत और रणनीति से लड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य अपने पानी की रक्षा स्वयं करने में सक्षम है और केंद्र की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगा।