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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में अब उद्योगों के नए युग की शुरुआत हो चुकी है। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर 2024 में पटना में "बिहार बिजनेस कनेक्ट" कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। इस आयोजन में देशभर की कई बड़ी कंपनियों ने भाग लिया और कुल 423 समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों में कुल 1.80 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव था।

खास बात यह है कि अब इनमें से अधिकतर योजनाएं ज़मीनी स्तर पर उतरने लगी हैं। राज्य सरकार के मुताबिक अब तक करीब 317 परियोजनाओं को अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिनका कुल निवेश लगभग 82,584 करोड़ रुपये है। यानी कुल निवेश का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा अब सक्रिय रूप में आगे बढ़ रहा है।

इन परियोजनाओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है – ग्राउंडेड और नन-ग्राउंडेड। ग्राउंडेड परियोजनाएं वे हैं जिन्हें ज़मीन मिल गई है या जिन पर काम शुरू हो चुका है। नन-ग्राउंडेड परियोजनाएं वे हैं जिन पर स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है या अभी तैयारी की स्थिति में हैं। कुछ कंपनियों ने अंदरूनी कारणों से अपने प्रस्ताव वापस ले लिए हैं, लेकिन अधिकांश परियोजनाएं आगे बढ़ रही हैं।

जमीन पर उतरते निवेश:
अब तक 11,016 करोड़ रुपये के 53 ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं जिन्हें ज़मीन उपलब्ध हो चुकी है। वहीं 6,794 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाएं विभागीय स्वीकृति के विभिन्न चरणों में हैं।

जिन क्षेत्रों में निवेश सबसे अधिक:

खाद्य प्रसंस्करण: 12,544 करोड़ रुपये के 49 प्रस्ताव

ऊर्जा क्षेत्र: 37,950 करोड़ रुपये के 3 बड़े निवेश

स्वास्थ्य: 1,328 करोड़ रुपये के 30 प्रोजेक्ट्स

रियल एस्टेट: 2,920 करोड़ रुपये के 4 प्रस्ताव

आईटी, लॉजिस्टिक्स, टेक्सटाइल, प्लास्टिक और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी भारी निवेश हो रहा है।

इतिहास में पहली बार:
बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया है। उन्होंने कहा कि पहली बार राज्य में इतने बड़े स्तर पर निवेशक आगे आए हैं। विभाग की टीम हर निवेशक से लगातार संपर्क में है ताकि कोई रुकावट न आए और योजनाएं समय पर पूरी हों।

यह औद्योगिक पहल न केवल बिहार के आर्थिक भविष्य को मजबूत करेगी बल्कि राज्य में लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी लेकर आएगी।