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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्र्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नितिन नवीन ने मंगलवार को नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उनके पास पहले पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास विभाग की जिम्मेदारी थी।

नितिन नवीन सोमवार को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पदभार संभाल चुके थे। उन्हें इस पद पर बैठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे। इसके पहले नितिन नवीन ने रक्षा मंत्री और पूर्व गृह मंत्री मुरली मनोहर जोशी समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।

नितिन नवीन की राजनीतिक पारी

बांकीपुर से पांच बार विधायक चुने गए नितिन नवीन, भाजपा के कद्दावर नेता नवीन किशोर सिन्हा के पुत्र हैं। वे पिछले तीन कार्यकाल से बिहार सरकार में मंत्री पद संभाल रहे थे।

उनकी जिम्मेदारी दो बार पथ निर्माण और नगर विकास विभाग की रही। 2025 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की और फिर नीतीश सरकार में मंत्री बने।

अब किसे मिलेगा मंत्री का पद?

नितिन नवीन के इस्तीफे के बाद भाजपा कोटे से खाली हुए दो मंत्रालयों पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

पूर्व मंत्री संजय सरावगी अब प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि खाली हुए मंत्रालय पूर्व मंत्रियों को दिया जाएगा या किसी नए चेहरे को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

सूत्रों की मानें तो इस बार मंत्री पद के लिए कुछ संभावित नामों में संजय मयूख, संजीव चौरसिया और अरुण सिन्हा शामिल हैं। वहीं पिछली बार मंत्री नहीं बने नेताओं में नीतीश मिश्रा, हरि सहनी, नीरज कुमार सिंह, जनक राम, केदार गुप्ता, जीवेश कुमार, राजू कुमार सिंह, मोतीलाल प्रसाद, कृष्ण कुमार मंटू, संतोष सिंह और कृष्णनंदन पासवान शामिल हैं।