
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बड़ा और सख्त फैसला लिया है। कल यानी 1 जुलाई 2025 से राजधानी के किसी भी पेट्रोल पंप पर 15 साल से पुराने पेट्रोल और सीएनजी वाहनों और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। यह कदम सरकार की "पुराने वाहनों के लिए ईंधन नहीं" नीति के तहत उठाया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली की जहरीली हवा को साफ करना है।
नया नियम और "जीवन-अंत" वाहन
दिल्ली सरकार के नए नियमों के अनुसार, 15 साल से ज़्यादा पुराने पेट्रोल और सीएनजी वाहन और 10 साल से ज़्यादा पुराने डीज़ल वाहन अब "एंड-ऑफ़-लाइफ़ (ईओएल) वाहन माने जाएँगे। ऐसे सभी वाहन दिल्ली के किसी भी ईंधन स्टेशन से पेट्रोल, डीज़ल या सीएनजी नहीं भरवा सकेंगे। इस नियम से सबसे ज़्यादा प्रभावित वे वाहन होंगे जो 2009 से पहले पंजीकृत हैं । इन वाहनों को अब दिल्ली आरटीओ द्वारा ईओएल घोषित कर दिया जाएगा और दिल्ली की सड़कों पर इनके चलने या ईंधन भरने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
वाहन पहचान के लिए एएनपीआर प्रणाली
इन पुराने वाहनों की पहचान के लिए राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) सिस्टम लगाया गया है। यह सिस्टम वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करके पता लगाएगा कि वाहन कितना पुराना है। अगर कोई वाहन तय समय सीमा से पुराना पाया जाता है तो पेट्रोल पंप अटेंडेंट उसे ईंधन देने से साफ मना कर देगा।
पंप संचालकों के लिए दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं
सरकार ने इस नियम को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सभी पेट्रोल पंप संचालकों को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) भी जारी की है। इसके तहत सभी ईंधन स्टेशनों पर बड़े साइन बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि वाहन मालिकों को इस नियम के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सके। इसके अलावा कर्मचारियों को पुराने वाहनों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और ईंधन से वंचित वाहनों की लॉगबुक तैयार की जाएगी।
अगर किसी भी ईंधन स्टेशन पर इस नियम का पालन नहीं किया जाता है, तो वहां खड़े पुराने वाहनों को जब्त किया जा सकता है और मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत पेट्रोल पंप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। सरकार के इस फैसले से शहर की हवा को स्वच्छ बनाने और लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है।