
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कोटद्वार नगर निगम की जनसंख्या लगभग ढाई लाख है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी की सुरक्षा महज 70 पुलिसकर्मियों पर निर्भर है। यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब पता चलता है कि इन 70 में से 29 पुलिसकर्मी फिलहाल कांवड़ ड्यूटी में लगे हुए हैं।
बीते साल शासन ने कोटद्वार कोतवाली क्षेत्र में 32 ग्रामसभाओं के 102 नए राजस्व गांवों को शामिल किया था। इन क्षेत्रों में इन दिनों पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में पुलिस बल की कमी को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठने लगे हैं।
कोटद्वार कोतवाली के अंतर्गत मुख्य थाने के अलावा बाजार, कलालघाटी, सनेह, दुगड्डा, गिवईंस्त्रोत और पाखरो जैसी चौकियां आती हैं। कोटद्वार की भौगोलिक स्थिति भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र जनपद बिजनौर और हरिद्वार जैसे जिलों की सीमाओं से जुड़ा है। इसका एक हिस्सा उत्तर प्रदेश के कालागढ़ थाना क्षेत्र से भी लगा हुआ है, जिससे यहां अपराध की संभावना अधिक बनी रहती है।
क्षेत्र में नशीले पदार्थों की तस्करी, चोरी, हत्या और लूट जैसी आपराधिक घटनाएं आम हो चुकी हैं। इसके बावजूद पुलिस बल की मौजूदा स्थिति बेहद चिंताजनक है। अब जब 28 जुलाई को मतदान होना है, तो सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आशंकाएं स्वाभाविक हैं।
हालांकि, प्रशासन को उम्मीद है कि तब तक कांवड़ ड्यूटी में गए पुलिसकर्मी लौट आएंगे और चुनाव के लिए सुरक्षा इंतजाम पूरे किए जा सकेंगे। अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने भी भरोसा दिलाया है कि मतदान वाले दिन सभी मतदेय स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।