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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जिले के सिसवन प्रखंड से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक मृत शिक्षक को प्रशिक्षण में भाग लेने का आदेश जारी किया गया है। इतना ही नहीं, प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। इस घटनाक्रम से क्षेत्र में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, सिवान डायट में एफएलएन (FLN) और आईसीटी (ICT) प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों को शामिल किया गया है। इसी सूची में रत्नेश कुमार तिवारी, जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय मकतब नयागांव में पदस्थापित थे, उनका नाम भी क्रमांक 10 पर दर्ज है।
रत्नेश कुमार तिवारी का अक्टूबर 2024 में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था, जिसकी सूचना उनके परिजनों द्वारा विभाग को समय रहते दे दी गई थी।

मृत शिक्षक से मांगा गया जवाब
इसके बावजूद विभाग ने उन्हें 26 मई 2025 को प्रशिक्षण में शामिल होने का आदेश दिया। जब वे स्वाभाविक रूप से प्रशिक्षण में शामिल नहीं हुए, तो डायट की ओर से उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया। यह मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में विभाग की कार्यप्रणाली पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी लापरवाहियाँ
यह पहली बार नहीं है जब शिक्षा विभाग की ओर से इस तरह की चूक हुई हो। इससे पहले भी कई मामलों में मृत या सेवानिवृत्त कर्मियों के नाम लिस्ट में दर्ज होने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे यह साबित होता है कि विभागीय डेटा अपडेट करने में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है।