
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद आरएसएस को कुचलने की कई कोशिशें हुईं, लेकिन यह एक वटवृक्ष की तरह मज़बूती से खड़ा रहा। नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित आरएसएस के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने एक विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया। आरएसएस स्वयंसेवकों का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान देश की मदद की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "प्रत्येक स्वयंसेवक ने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आरएसएस की विचारधारा में कोई हिंदू छोटा या बड़ा नहीं है। हर आपदा के बाद स्वयंसेवक आगे आए और कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की मदद की। आरएसएस ने एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान की वकालत की। प्रत्येक स्वयंसेवक भेदभाव के खिलाफ लड़ रहा है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को महापर्व की शुभकामनाएं दीं
उन्होंने कहा, "आज महानवमी है। यह देवी सिद्धिदात्री का दिन है। मैं सभी देशवासियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। कल विजयादशमी का महापर्व है। यह अन्याय पर न्याय की विजय है, असत्य पर सत्य की विजय है, अंधकार पर प्रकाश की विजय है। विजयादशमी भारतीय संस्कृति के इसी विचार और विश्वास का कालजयी उद्घोष है।"
पीएम मोदी ने कहा, "100 वर्ष पूर्व ऐसे महान पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कोई संयोग नहीं था। यह हजारों वर्षों से चली आ रही एक परंपरा का पुनरुत्थान था। जिसमें राष्ट्रीय चेतना समय-समय पर नए अवतारों के रूप में युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रकट होती है। इस युग में संघ सनातन राष्ट्रीय चेतना का पुण्य अवतार है।"
आरएसएस के शताब्दी वर्ष का साक्षी बनना इस पीढ़ी का सौभाग्य है - पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हम संघ के शताब्दी वर्ष जैसे महान अवसर के साक्षी बन रहे हैं। इस अवसर पर, मैं राष्ट्रसेवा में समर्पित लाखों स्वयंसेवकों को अपनी शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। संघ के संस्थापक, हमारे आदर्श, परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"
उन्होंने कहा, "आज भारत सरकार ने संघ की 100 वर्ष की भव्य यात्रा के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्के जारी किए हैं। 100 रुपये के इस सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न है और दूसरी ओर सिंह और माला मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि है।"