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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जापान में इन दिनों 5 जुलाई को लेकर काफी चर्चा है। इसकी वजह मंगा आर्टिस्ट रयो तात्सुकी की एक भविष्यवाणी है, जो उन्होंने 1999 में अपनी किताब "द फ्यूचर आई सॉ" में की थी। इस किताब में उन्होंने दावा किया था कि 5 जुलाई 2025 को जापान में विनाशकारी सुनामी आएगी, जो 2011 की भयानक तोहोकू आपदा से भी बड़ी हो सकती है।

रियो तात्सुकी को अक्सर जापानी बाबा वंगा कहा जाता है। उन्होंने कोरोनावायरस, राजकुमारी डायना की मौत और 2011 के भूकंप-सुनामी की भविष्यवाणी की थी। उनकी भविष्यवाणियाँ मंगा के रूप में प्रकाशित हुई हैं, लेकिन अक्सर सच साबित हुई हैं। तात्सुकी ने कहा कि समुद्र में उबाल, बुदबुदाहट और तेज़ कंपन सुनामी से पहले के संकेत होंगे। यही कारण है कि जापान के दक्षिणी द्वीपों में भूकंपों में वृद्धि से लोग चिंतित हैं।

क्या अकुसेकिजिमा द्वीप वास्तव में एक डरावना स्थान है?

5 जुलाई को सुनामी की चेतावनी के बीच टोकारा द्वीप समूह के अकुसेकिजिमा द्वीप पर भूकंप के झटके आए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 21 जून से 1 जुलाई 2025 तक 736 भूकंप के झटके आ चुके हैं। इनमें से 50 से ज्यादा महसूस किए गए। ज्यादातर भूकंप 3-5 तीव्रता (जापान के 7-पॉइंट स्केल पर) के बीच थे। कुछ भूकंप इतने शक्तिशाली थे कि सामान अलमारियों से गिर गए। अकुसेकिजिमा एक ज्वालामुखी द्वीप है, जो समुद्र तल से 150 मीटर ऊपर स्थित है। हालांकि भौगोलिक कारणों से सुनामी का खतरा अपेक्षाकृत कम है, लेकिन भूकंप बढ़ने के साथ ही झटकों ने तबाही की आशंका को और बढ़ा दिया है।

यह लोगों के जीवन को किस प्रकार प्रभावित कर रहा है?

लोग न केवल पूर्वानुमान के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं, बल्कि अपनी यात्रा की योजनाएँ भी रद्द कर रहे हैं। हवाई टिकटें रद्द की जा रही हैं। लोग तटीय क्षेत्रों से अनावश्यक यात्रा करने से बच रहे हैं। स्थानीय प्रशासन एहतियात बरत रहा है। अकुसेकिजिमा गाँव के 60 वर्षीय इसामु सकामोटो कहते हैं, "इतने सारे भूकंपों के बाद, ऐसा लगता है कि ज़मीन हमेशा हिल रही है।" उनका डर जायज़ है क्योंकि अगर लगातार झटकों से इमारतों की संरचना कमज़ोर हो गई है, तो एक बड़ा भूकंप बड़ी क्षति पहुंचा सकता है।

विज्ञान क्या कहता है?

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने आधिकारिक सुनामी चेतावनी जारी नहीं की है, लेकिन उन्होंने भूकंप गतिविधि के लिए निगरानी बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि लगातार आ रहे झटके एक बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं, जिसका मतलब है कि भले ही तात्सुकी की भविष्यवाणी वैज्ञानिक रूप से मान्य नहीं है, लेकिन भूकंपीय गतिविधि निश्चित रूप से गंभीर चिंता का विषय है।