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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पीलीभीत जिले में समाजवादी पार्टी के कार्यालय का मंगलवार को प्रशासन ने आवंटन निरस्त कर दिया। जिलाध्यक्ष को कोठी खाली करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। इससे पहले, 30 जुलाई को प्रशासन ने जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को नोटिस जारी किया था और एक माह के भीतर कोठी खाली करने को कहा था। उस पर जयवीर सिंह यादव ने 28 अगस्त को अपना पक्ष रखा था। पक्ष सुनने के बाद जिला प्रशासन ने शासनादेश का हवाला देते हुए कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया।

शासनादेश के अनुसार किसी भी आवासीय या व्यावसायिक भवन का आवंटन 15 साल से अधिक नहीं किया जा सकता। जबकि सपा कार्यालय पिछले 31 साल से संचालित हो रहा है। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने भी पीलीभीत नगर पालिका की ओर से मात्र 115 रुपये मासिक किराए पर सपा कार्यालय को जमीन देने पर आपत्ति जताई थी।

मुरादाबाद में भी लगभग ऐसा ही मामला देखा गया। पीलीभीत का सपा कार्यालय, कोठी नंबर-4, ग्राम छावनी की नजूल भूमि पर स्थित है। इसे 13 जुलाई 1994 को तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को सिर्फ 250 रुपये मासिक किराए पर आवंटित किया गया था। 30 जुलाई को डीएम ने जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पार्टी ने कोठी का नामांतरण कराने के लिए कोई कानूनी या प्रशासनिक कदम नहीं उठाया। यह जमीन उत्तर प्रदेश सरकार की संपत्ति है, जिसका प्रबंधन नगर निगम मुरादाबाद करता है। प्रशासन ने साफ किया कि यदि तय समय में कोठी खाली नहीं की गई तो प्रतिदिन 1000 रुपये हर्जाना वसूला जाएगा।

डीएम अनुज सिंह ने कहा कि नियमानुसार आवंटन निरस्त किया गया है और कोठी खाली करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है और इस पर उचित कदम नोटिस मिलने के बाद उठाएंगे।

28 अगस्त को सपा जिलाध्यक्ष ने एडीएम वित्त और राजस्व ममता मालवीय को कार्यालय आवंटन से जुड़े कागजात और किराए की रसीदें भी सौंपी थीं। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2025 तक का किराया जमा है, इसलिए उनका कब्जा पूरी तरह कानूनी है।