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Prabhat Vaibhav, Digital Desk: जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने साफ किया है कि प्रशांत किशोर ने कभी भी उपमुख्यमंत्री पद की मांग नहीं की थी। जसुपा के अनुसार, 2015 में जब नीतीश कुमार का राजनीतिक भविष्य असमंजस में था, तब उन्होंने दिल्ली जाकर पीके से रणनीतिक मदद मांगी थी। प्रशांत किशोर ने बिना किसी पद की चाहत के नीतीश को सत्ता में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सोमवार को हुई प्रेस वार्ता में जसुपा के महासचिव किशोर कुमार मुन्ना ने जदयू विधायक संजय यादव के आरोपों को पूरी तरह निराधार करार दिया। उन्होंने कहा कि पीके ने जदयू छोड़ा था क्योंकि वह समान नागरिक संहिता और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जैसे मुद्दों के विरोध में थे।

किशोर ने जसुपा अध्यक्ष उदय सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर राजनीति में यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने इशारों-इशारों में राजद पर निशाना साधा और कहा कि वहां परिवारवाद हावी है, जहां लालू यादव के उत्तराधिकारी केवल तेजस्वी यादव हो सकते हैं। किसी अन्य योग्य नेता को मौका नहीं मिलता।

पूर्व विधान पार्षद रामबली चंद्रवंशी ने जदयू नेता संजय सिंह के बयानों को लेकर कहा कि इससे साफ है कि इस बार के चुनाव में जदयू को बड़ा नुकसान हो सकता है। प्रेस वार्ता में जसुपा की प्रवक्ता सोनाली आनंद भी मौजूद थीं।