
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : दक्षिण-पश्चिम मानसून शनिवार को केरल पहुंचा। केरल में भारी बारिश हो रही है। यह 16 वर्षों में पहली बार है कि केरल में मानसून इतनी जल्दी पहुंचा है। मानसून केरल में प्रवेश कर चुका है। इस वर्ष, 2009 के बाद पहली बार मानसून भारत की मुख्य भूमि पर इतनी जल्दी पहुंच गया है। यह जानकारी मौसम विभाग (आईएमडी) ने दी है। आपको बता दें कि मानसून 23 मई 2009 को केरल पहुंचा था।
मौसम विभाग ने कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।
केरल में मानसून का समय से पहले आगमन
दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में प्रवेश करता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। उत्तर-पश्चिम भारत से इसकी विदाई 17 सितंबर के आसपास शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस लौट जाती है।
IMD Weather Warning (24.05.2025)
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 24, 2025
Extremely heavy rainfall likely to occur at isolated places over Konkan & Goa, Madhya Maharashtra, Coastal Karnataka and South Interior Karnataka, Kerala today.#RainySeason #rainfall #WeatherUpdate #karnataka #maharashtra #goa #Kerala… pic.twitter.com/mf9Nc69WIL
भारत में मानसून कब आया?
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दक्षिणी राज्य में मानसून 30 मई को, 2023 में 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा होगी।
एक अधिकारी ने कहा कि केरल में मानसून के जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह पहुंचेगा। यह बड़े पैमाने पर परिवर्तनशीलता के अधीन है और वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों द्वारा निर्धारित होता है। आईएमडी ने अप्रैल में इस वर्ष मानसून के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की थी तथा अल नीनो की संभावना को खारिज कर दिया था। भारतीय उपमहाद्वीप में अल नीनो प्रणाली सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है।
भीषण गर्मी से जूझ रहे देशभर के लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले कुछ दिनों में 15 राज्यों में भारी बारिश की संभावना है।