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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देहरादून में इस बार छठ महापर्व पहले से कहीं ज़्यादा भव्य और विशेष होने वाला है। जिला प्रशासन ने नदियों के किनारे तीन प्रमुख स्थानों पर छठ पूजा के लिए बड़े पैमाने पर इंतज़ाम शुरू कर दिए हैं, ताकि व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

इस बार घाटों की व्यवस्था कुंभ मेले की तर्ज पर की जा रही है। वहां न केवल पथ-प्रकाश की पूरी व्यवस्था होगी, बल्कि महिलाओं के लिए अस्थायी चेंजिंग रूम भी बनाए जाएंगे ताकि वे आराम से पूजा की तैयारियां कर सकें।

तीन मुख्य स्थानों पर बनेगा अस्थायी घाट

डीएम सविन बंसल की पहल पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) केके मिश्रा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें सभी तैयारियों की रूपरेखा तय की जा रही है।

पूर्वांचलवासी परिवारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने प्रेमनगर में टौंस नदी के पुल के नीचे, टपकेश्वर मंदिर के पास तमसा नदी घाट और चंद्रबनी स्थित सेवलाकलां मंदिर परिसर में अस्थायी घाट बनाने का निर्णय लिया है।

इन सभी घाटों पर साफ-सफाई, जल आपूर्ति, रोशनी और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जाएगी। जिला प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पूजा के दौरान वहां किसी तरह की गंदगी या अव्यवस्था न हो। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पानी का छिड़काव भी किया जाएगा ताकि धूल-मिट्टी की परेशानी न हो।

सुरक्षा, सफाई और चिकित्सा व्यवस्था पर रहेगा विशेष ध्यान

छठ पूजा के दौरान सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर पूजा स्थलों पर मेडिकल टीमें और एम्बुलेंस भी तैनात की जाएंगी।

इसके अलावा, घाटों पर अतिरिक्त प्रकाश व्यवस्था की जा रही है ताकि शाम और रात में पूजा के समय श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो। इसको लेकर कलेक्ट्रेट में पुलिस, नगर निगम, बिजली, जल संस्थान, पर्यटन और सिंचाई विभागों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई है।

दून में कुल 22 छठ घाट तैयार

इस बार देहरादून शहर में कुल 22 छठ घाटों पर पर्व मनाया जाएगा। इनमें प्रमुख घाट हैं — टपकेश्वर, चंद्रबनी, रायपुर, केशरवाला, गुल्लरघाटी, सेलाकुई, हरवंशवाला, मालदेवता, प्रेमनगर, पथरीबाग, भंडारीबाग, ब्रह्मपुरी और सिंगल मंडी।
इस वर्ष छठ पूजा का आयोजन 25 अक्टूबर से शुरू होगा।

चार दिन तक चलने वाला आस्था का पर्व

छठ पूजा को सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित किया जाता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है और चार दिनों तक चलता है।

पहला दिन – नहाय खाय: व्रती इस दिन स्नान कर शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं।

दूसरा दिन – खरना: इस दिन व्रती निर्जला उपवास की शुरुआत करते हैं।

तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य: डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।

चौथा दिन – उषा अर्घ्य: उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा का समापन होता है।

इस पर्व के दौरान व्रती अपने परिवार की खुशहाली और संतान की समृद्धि की कामना करते हैं।

राज्य का पहला छठ पार्क भी तैयार

देहरादून के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में बना राज्य का पहला छठ पार्क इस बार पूरी तरह से श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है।
वर्ष 2021 में अमृत योजना के तहत 74 लाख रुपये की लागत से बने इस पार्क में पूजा के लिए विशेष कुंड और एक छोटी नहर बनाई गई है, जहां श्रद्धालु भगवान सूर्य को जल अर्पित कर सकेंगे।