img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देश भर में इंडिगो और कई अन्य एयरलाइन कंपनियों की उड़ानें रद्द होने के बाद, लाखों यात्री अचानक रेलवे की ओर उमड़ पड़े। बढ़ती भीड़ और टिकटों की माँग को देखते हुए, भारतीय रेलवे ने तुरंत कार्रवाई की। 6 दिसंबर, 2025 से रेलवे ने कई रूटों पर अतिरिक्त कोच जोड़ने और अतिरिक्त फेरे चलाने का निर्णय लागू किया। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली है।

उड़ानें रद्द होने का सबसे ज़्यादा असर दक्षिण भारत में देखने को मिला, जहाँ रेलवे ने क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष तैयारियाँ कीं। दक्षिण रेलवे ने 18 ट्रेनों में नए कोच जोड़े। यात्रियों को अतिरिक्त सीटें उपलब्ध कराने के लिए कई लोकप्रिय रूटों पर स्लीपर और चेयर कार कोच की संख्या बढ़ाई गई। इससे बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों में यात्रा फिर से शुरू हो गई है।

उत्तर रेलवे ने दिल्ली रूट पर भीड़भाड़ कम कर दी है। 
दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, उत्तर रेलवे ने आठ मुख्य ट्रेनों में अतिरिक्त एसी और चेयर कार जोड़ी हैं। यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इससे पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के यात्रियों को विशेष राहत मिलेगी।

दिल्ली-मुंबई रूट पर पश्चिम रेलवे की एक बड़ी पहल  रद्द होने
से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा बेहद मुश्किल हो गई थी। इसके जवाब में, पश्चिम रेलवे ने चार प्रमुख ट्रेनों में 3AC और 2AC कोच बढ़ा दिए हैं। 6 दिसंबर को यह नई व्यवस्था लागू होने के बाद से, इस व्यस्त रूट पर हज़ारों यात्रियों को सीटें मिल गई हैं।

बिहार-दिल्ली रूट पर भी राहत, ईसीआर के जरिए एसी सीटों में बढ़ोतरी 
पूर्व मध्य रेलवे ने पटना से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए खास कदम उठाया है। राजेंद्र नगर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में 6 से 10 दिसंबर तक पांच अतिरिक्त फेरे चलाए जा रहे हैं। 2AC कोचों की संख्या भी बढ़ा दी गई है, जिससे पटना-दिल्ली रूट पर सीटों का दबाव काफी कम हो गया है।

ईस्ट कोस्ट, ईस्टर्न और एनएफआर ने भी क्षमता बढ़ाई। 
ओडिशा से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए, ईस्ट कोस्ट रेलवे ने ट्रेन संख्या 20817, 20811 और 20823 में पाँच फेरों में 2एसी कोच जोड़े। इस बीच, ईस्टर्न रेलवे ने 7 और 8 दिसंबर को तीन मुख्य ट्रेनों में स्लीपर कोच जोड़े। पूर्वोत्तर के यात्रियों के लिए, नॉर्थ ईस्टर्न फ्रंटियर रेलवे ने 6 से 13 दिसंबर तक आठ अतिरिक्त फेरों के साथ 3एसी और स्लीपर सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की।

रेलवे ने फंसे हुए यात्रियों को निकालने और लंबी दूरी की यात्रा को आसान बनाने के लिए चार विशेष ट्रेनें भी चलाईं 
। इनमें गोरखपुर-आनंद विहार स्पेशल, नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल स्पेशल, नई दिल्ली-श्रीनगर सेक्टर के लिए वंदे भारत स्पेशल और हज़रत निज़ामुद्दीन-तिरुवनंतपुरम स्पेशल शामिल हैं। कई ट्रेनें एकतरफ़ा थीं, जिनका उद्देश्य केवल यात्रियों को राहत प्रदान करना था।

रेलवे का यह फैसला क्यों ज़रूरी था? 
उड़ानें रद्द होने के बाद टिकटों की अचानक बढ़ी माँग ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और पटना जैसे बड़े शहरों में समस्याएँ पैदा कर दीं। रेलवे का यह कदम महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि हज़ारों अतिरिक्त सीटों की उपलब्धता से यात्रियों को एक सुरक्षित विकल्प मिला।