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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते बिहार की जीवनरेखा मानी जाने वाली कोसी नदी में लाल पानी उतर आया है। नदी के जलस्तर में अचानक आई इस वृद्धि से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन और जल संसाधन विभाग ने संभावित बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी तेज कर दी है।

कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि सीधे नेपाल में हुई भारी वर्षा का परिणाम है। पहाड़ी इलाकों की मिट्टी और पत्थरों के बहाव से नदी का पानी लाल दिखता है। फिलहाल, राज्य में 118 बाढ़ निरोधक कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं, जिनमें अधिकांश काम पूरा होने की कगार पर हैं।

पिछले साल की तुलना में बेहतर तैयारी

2024 में कोसी नदी का जलस्तर सर्वाधिक 6.61 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जिससे भारी नुकसान हुआ था। इसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए विभाग ने इस साल के लिए 118 बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक योजनाएं स्वीकृत की हैं। इनमें से 106 योजनाएं तटबंधों और स्परों के सुदृढ़ीकरण के लिए हैं, जबकि 12 योजनाएं गांवों की सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं।

जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता वरुण कुमार ने बताया कि 90 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि बाकी कार्य भी मई अंत तक पूरे हो जाएंगे। सिकरहट्टा-मझारी बांध पर 288 करोड़ रुपये की लागत से विश्व बैंक समर्थित परियोजना का काम 82 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है, जो तटबंधों को मजबूत कर बाढ़ के खतरे से आसपास के इलाकों को सुरक्षित करेगा।

कोसी बराज के गेटों का हुआ आधुनिकीकरण

विभाग ने कोसी बराज के सभी गेटों के संचालन प्रणाली का व्यापक आधुनिकीकरण किया है। पिछले वर्ष आई बाढ़ के बाद विभागीय टीम ने बराज की विस्तृत जांच की थी, जिसके आधार पर जरूरी सुधार कार्य पूरा कर लिया गया है।

स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और संभावित बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।