Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को होने जा रहा है। वोटिंग से पहले ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। राजद ने 27 अक्टूबर को अपने 27 नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया। इनमें एक बड़ा नाम रितु जायसवाल का भी है, जो अब परिहार सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं।
राजद ने इस सीट से पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे की पुत्रवधू डॉ. स्मिता पूर्वे को अधिकृत उम्मीदवार बनाया है। इसी को लेकर रितु जायसवाल और पार्टी के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
रितु जायसवाल का दर्द — “पार्टी में दो मापदंड क्यों?”
पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासन के बाद रितु जायसवाल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा कि पार्टी ने उन्हें, गोविंदपुर से मो. कामरान, और चिरैया से अच्छेलाल यादव सहित कई समर्पित कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए निकाल दिया। कारण बताया गया — “पार्टी समर्थित उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय खड़ा होना या किसी अन्य को समर्थन देना।”
रितु ने सवाल उठाया कि अगर वे बागी हैं तो मो. कामरान का कसूर क्या था? उन्होंने लिखा,
“कामरान जी शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं, जो विधायक रहते हुए भी पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में पूरी निष्ठा से जिम्मेदारी निभा रहे थे। फिर उनका अपराध क्या था?”
“परिवार के लिए नियम अलग, कार्यकर्ताओं के लिए अलग”
पूर्व राजद नेत्री ने पार्टी में चल रहे दोहरे मापदंडों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा,
“2020 में जब रामचंद्र पूर्वे जी ने एमएलसी रहते हुए परिहार में पार्टी विरोधी गतिविधियां की थीं, तब पार्टी का अनुशासन कहां था? अगर उन्हें तब बाहर किया गया होता, तो क्या 2025 में उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट मिलता?”
रितु जायसवाल ने आगे लिखा कि अगर किसी जमीनी कार्यकर्ता को टिकट दिया गया होता, तो वे उसका समर्थन पूरे मन से करतीं। उन्होंने कहा,
“जो जनता के बीच रहा उसे टिकट नहीं मिला, और जो सिर्फ परिवार का हिस्सा है उसे इनाम दे दिया गया — यह परिहार की जनता को मंजूर नहीं।”
उन्होंने दावा किया कि 11 नवंबर को जनता इसका जवाब “सीटी बजाकर” पूरे बिहार को सुनाएगी।
बिहार चुनाव का पूरा कार्यक्रम
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे।
पहला चरण: 6 नवंबर 2025
दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025
वहीं, परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
पहले चरण से ठीक पहले राजद में बगावत की यह लहर निश्चित रूप से चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।




