
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कोसी नदी में बहुप्रतीक्षित 'लाल पानी' या 'ललपनिया' का आना शुरू हो गया है। खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले बलैठा पंचायत के मुखिया और अनुभवी नाविक विरेंद्र सहनी (कारे सहनी) के अनुसार नदी का जलस्तर डेढ़ फीट बढ़ चुका है। लंबे समय तक सूखी रही नदी अब नए पानी से भरने लगी है और अगले सप्ताह तक इसके पूरी तरह लबालब होने की संभावना है।
नदी विशेषज्ञ ब्रजभूषण झा ने 'लाल पानी' की व्याख्या करते हुए कहा कि यह नेपाल स्थित हिमालयी क्षेत्र की तेज बारिश के कारण होता है। इस बारिश से लाल रंग की मिट्टी पानी के साथ बहकर आती है जिससे नदी का पानी लाल रंग का दिखने लगता है। इसे ही स्थानीय लोग 'लाल पानी' या 'ललपनिया' कहते हैं। शुरुआती दौर में पानी हल्का लाल (ललछोंह) दिखाई देता है और यह बाढ़ के मौसम के आगमन का सूचक होता है।
क्षेत्र में डुमरी पुल के आसपास, कामाथान, तिरासी, आनंदी सिंह बासा जैसे इलाकों में लगी ककरी, बतिया, खीरा, परवल जैसी सब्जियों के खेतों में भी कभी भी पानी प्रवेश कर सकता है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
प्रशासन ने भी संभावित बाढ़ के मद्देनजर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पिछले वर्ष सितंबर में ऐतिहासिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बेलदौर प्रखंड के काली कोसी और मुख्य कोसी नदी किनारे बसे कंजरी, इतमादी, कुर्बन, दिघौन और चोढ़ली पंचायत बाढ़ की चपेट में आए थे। तब प्रशासन ने सिर्फ कंजरी और इतमादी पंचायतों को प्रभावित क्षेत्र घोषित कर सरकारी नाव चलवाई थी और गांधीनगर गांव के 382 परिवारों को सहायता राशि प्रदान की थी।
गोगरी एसडीओ सुनंदा कुमारी ने बताया कि सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नाव परिचालन के लंबित भुगतान शीघ्र किए जाएं, क्षतिग्रस्त नावों की मरम्मत तुरंत कराई जाए, बाढ़ शरण स्थलों और ऊंचे स्थानों का चयन किया जाए, और पंचायतवार गोताखोरों की सूची तैयार की जाए।
अब देखना होगा कि इस बार प्रशासन की तैयारी कितनी कारगर साबित होती है।