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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आज (7 जून) पूरे देश में ईद-उल-अजहा यानी बकरा ईद मनाई जा रही है, इस मौके पर ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने धार्मिक कारणों से किसी भी जानवर की हत्या न करने पर जोर दिया है और सरकार पर मुसलमानों को जानवरों की हत्या करने की अनुमति देने का आरोप लगाया है।

उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में आज (7 जून) शनिवार को ईद-उल-अजहा यानी बकरा ईद मनाई जा रही है। इस मौके पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने धार्मिक कारणों से जानवरों की हत्या न करने पर जोर दिया है और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।

" सरकार मुसलमानों के खिलाफ नपुंसक हो गई है"

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा, "किस आधार पर मुसलमानों को जानवरों को मारने की इजाजत दी जा रही है? मुसलमानों का नाम आते ही भारत सरकार नपुंसक हो जाती है और मुसलमानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती।" उन्होंने आगे आरोप लगाया, "मुसलमान सरकार के समर्थन से जानवरों और गायों की हत्या कर रहे हैं। अब हिंदुओं को सोचना होगा कि वे किसे चुनकर सरकार में भेज रहे हैं। इस समय कोई भी राजनीतिक दल हिंदुओं के लिए आवाज नहीं उठा रहा है।"

धर्म के नाम पर हत्या का विरोध

शंकराचार्य ने धार्मिक कारणों से पशुओं की हत्या का कड़ा विरोध करते हुए कहा, "यह कैसा धर्म है कि हम किसी को त्यौहार के नाम पर मार देते हैं और कहते हैं कि यह हमारा धर्म है। जिसमें सबसे प्रिय चीज की बलि देने की बात थी, तो यह कैसा धर्म है कि बाजार से बकरा लाकर उसकी बलि दे दी जाए। धार्मिक कारणों से किसी भी पशु की हत्या नहीं होनी चाहिए।" उन्होंने देश में जारी गोहत्या और गोरक्षकों को कानूनी सजा दिए जाने पर भी चिंता जताई और इस मुद्दे पर 'गौ प्रतिष्ठा आंदोलन' शुरू करने का ऐलान किया।

' ऑपरेशन सिंदूर ' पर भी हमला

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में चर्चित 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ था, तब हम बहुत उत्साहित थे। हमें लगा कि हमारे देश की सरकार हमारे हिसाब से काम कर रही है। लेकिन जिस तरह से यह अभियान चलाया गया और सिंदूर का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है, उससे हम शर्मिंदा हैं। ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने पर हम जितने खुश थे, उससे कहीं ज़्यादा हम उन लोगों के लिए शर्मिंदा हैं जिन्होंने इसका राजनीतिक फायदा उठाया।" उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, "3,4,5 आतंकवादी दूसरे देश से आते हैं और हमारे देश के 26 लोगों को मारकर चले जाते हैं और सरकार कुछ नहीं कर पाती। मां का दूध शर्मनाक है, हमने कभी भारत को ऐसा नहीं देखा जैसा आज बन गया है।"