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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जब भी हम बीमारी के बारे में पढ़ते हैं, तो हम केवल गंभीर लक्षणों पर ध्यान देते हैं। लेकिन कभी-कभी शरीर चुपचाप गंभीर बीमारियों की चेतावनी देने लगता है। जब गुर्दे खराब होने लगते हैं तो कुछ ऐसा ही होता है। गुर्दे शरीर को साफ करने वाला सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं और जब वे ठीक से काम नहीं करते हैं, तो सबसे पहले असर आपके पैरों पर दिखता है। आपको बता दें कि अगर आपके पैर भी ऐसी हरकतें कर रहे हैं तो इन पर ध्यान देना जरूरी है। इसे देखने के बाद नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह आपकी किडनी के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।

पैरों में सूजन

यदि आपको सुबह उठते ही ऐसा महसूस हो कि आपके पैर, टखने या टांगें सूजी हुई हैं, तो यह सामान्य थकान नहीं बल्कि गुर्दे की विफलता का लक्षण हो सकता है। जब गुर्दे शरीर से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने में असमर्थ होते हैं, तो यह पैरों में जमा हो जाता है।

बार-बार पैर में ऐंठन

जब गुर्दे खराब हो जाते हैं तो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो जाता है। इससे पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। यदि आपको बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार ऐंठन का अनुभव होता है, तो सावधान हो जाइए।

पैरों की त्वचा का सूखापन और खुजली

गुर्दों का काम शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना है। जब यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे त्वचा, विशेषकर पैरों की त्वचा शुष्क और खुजलीदार हो जाती है।

पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन

गुर्दे की समस्याएं तंत्रिकाओं को भी प्रभावित करती हैं। यदि आपके पैरों में लगातार झुनझुनी, खुजली या सुन्नता महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि इनमें से कोई भी लक्षण 5-7 दिनों तक बना रहे तो देरी न करें। तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। किडनी की स्थिति का आकलन एक साधारण मूत्र परीक्षण और रक्त रिपोर्ट के माध्यम से किया जा सकता है।

गुर्दे की बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और जब तक इसके लक्षण स्पष्ट होते हैं, तब तक बहुत नुकसान हो चुका होता है। इसलिए शरीर से आने वाले छोटे संकेतों को नजरअंदाज न करें, खासकर जब वे पैरों के माध्यम से प्राप्त हों। समय के प्रति जागरूक रहना सबसे बड़ी बुद्धिमत्ता है।