
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सोशल मीडिया आज हमारी ज़िंदगी का एक हिस्सा बन गया है। हम सुबह उठते ही अपने फ़ोन पर इंस्टाग्राम या व्हाट्सऐप चेक करने और फिर दिन भर फेसबुक, ट्विटर, रील्स और स्टोरीज़ की दुनिया में खोए रहने के आदी हो गए हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये डिजिटल आदतें आपकी सेहत के साथ-साथ आपके बालों पर भी बुरा असर डाल सकती हैं?
हेयर ट्रांसप्लांट और स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. गौरांग कृष्णा कहते हैं कि सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहने से युवाओं में तेज़ी से गंजापन आ रहा है। पहले जहाँ 40-45 की उम्र में बाल झड़ना आम बात थी, वहीं अब 20-25 साल के लड़के-लड़कियाँ भी बाल झड़ने और आगे के बालों के पीछे हटने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
गंजेपन और सोशल मीडिया के बीच क्या संबंध है?
नींद की कमी
देर रात तक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने से लोगों की नींद प्रभावित हो रही है। नींद पूरी न होने पर शरीर का रिकवरी सिस्टम कमज़ोर हो जाता है। इससे बालों की ग्रोथ प्रभावित होती है और बाल झड़ने लगते हैं।
तनाव और चिंता
लगातार स्क्रीन पर समय बिताना, लाइक्स और कमेंट्स की चिंता करना, ऑनलाइन तुलना करना - इन सबका मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तनाव बालों के झड़ने के सबसे बड़े कारणों में से एक है।
शारीरिक गतिविधि की कमी
सोशल मीडिया की लत के कारण लोग शारीरिक गतिविधियों से दूर रहते हैं। रक्त संचार कम होने से स्कैल्प तक पोषण नहीं पहुँच पाता, जिससे बाल कमज़ोर होकर झड़ने लगते हैं।
नीली रोशनी का संपर्क
मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी न केवल आंखों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि खोपड़ी और बालों की कोशिकाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।
जीवित रहने के लिए क्या करें?
रात को सोने से कम से कम 1 घंटा पहले मोबाइल से दूर रहें।
पूरे दिन स्क्रीन देखने का समय सीमित रखें और हर घंटे अपनी आंखों और दिमाग को थोड़ा आराम दें।
योग, पैदल चलना और ध्यान जैसी शारीरिक गतिविधियों को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं।
उचित आहार लें और समय-समय पर अपने सिर की तेल से मालिश करें।