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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पेश किए गए एक सख्त विधेयक को पंजाब विधानसभा की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया है। इस प्रस्तावित कानून में गुरु ग्रंथ साहिब, गीता, कुरान और बाइबिल जैसे पवित्र ग्रंथों के अपमान पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने बताया कि समिति छह महीनों में इस पर रिपोर्ट देगी, ताकि जनता और धार्मिक संस्थानों की राय को भी शामिल किया जा सके।

मुख्यमंत्री मान ने सोमवार को विधानसभा में यह विधेयक पेश करते हुए 2015 में हुई बेअदबी की घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि इससे बड़ा अपराध कोई नहीं हो सकता। इस विधेयक का उद्देश्य है कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के अपराध की हिम्मत न कर सके।

क्या है विधेयक में खास

पवित्र ग्रंथों की बेअदबी पर दोषी को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

दोषी पर 5 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

यदि कोई व्यक्ति बेअदबी की कोशिश करता है, तो उसे 3 से 5 साल तक की जेल और 3 लाख तक जुर्माना देना होगा।

जो लोग ऐसे अपराध में मदद करेंगे, उन्हें भी उसी अनुसार सजा मिलेगी।

बेअदबी की परिभाषा भी स्पष्ट
विधेयक में बताया गया है कि बेअदबी का मतलब किसी भी पवित्र ग्रंथ या उसके हिस्से को अपवित्र करना, जलाना, फाड़ना, तोड़ना, विकृत करना या नष्ट करना माना जाएगा।

पंजाब सरकार का यह कदम न केवल धार्मिक भावनाओं की रक्षा करने की दिशा में है, बल्कि समाज में सौहार्द और सम्मान बनाए रखने का भी प्रयास है।