
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब में किसानों और सरकार के बीच तनाव लगातार गहराता जा रहा है। किसान संगठनों और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बठिंडा में दिए अपने बयान में किसान नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कुछ किसान नेता महंगे होटलों और अस्पतालों में हिस्सेदार हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन नेताओं को बहस की खुली चुनौती दी थी।
इस बयान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल और गैर-राजनीतिक मोर्चे के जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मुख्यमंत्री की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। राजेवाल ने साफ कहा है कि मुख्यमंत्री जब चाहें और जहाँ चाहें, वह उनसे पंजाब के किसान मुद्दों पर बहस करने को तैयार हैं।
राजेवाल ने यह भी कहा कि वह पहले भी कई बार बहस के लिए मुख्यमंत्री से समय मांग चुके हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। अब मुख्यमंत्री किसानों पर दोष मढ़कर असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
उधर, शंभू और खनौरी में किसान धरनों को हटाने के घटनाक्रम और चंडीगढ़ में किसानों के साथ अधूरी बातचीत के चलते डल्लेवाल गुट, राजेवाल और जोगिंदर सिंह उगराहां की यूनियन भी मुख्यमंत्री से खफा हैं। किसानों का मानना है कि बातचीत की बजाय उन पर आरोप लगाकर सरकार टकराव बढ़ा रही है।
इस बढ़ते टकराव के चलते कई किसान संगठन अब विधायकों और मंत्रियों का लगातार घेराव कर रहे हैं, जिसके चलते नेताओं ने फील्ड में जाना भी बंद कर दिया है।