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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सावन का पवित्र महीना शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, जब देशभर में श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र मास में की गई पूजा-पाठ से महादेव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसी आस्था और भक्ति के अनुपम संगम को देखते हुए, उत्तर प्रदेश के मीरगंज नगर स्थित प्रसिद्ध औघड़दानी मंदिर में सावन मास की सप्तमी तिथि, यानी शुक्रवार को भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा भव्य और अलौकिक श्रृंगार किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे!

आँखें चौंधिया देने वाला अद्भुत नज़ारा: शिव भक्त हुए मंत्रमुग्ध!

संध्या आरती के समय जब बड़ी संख्या में भक्त मंदिर परिसर में पहुँचे, तो भगवान शंकर के इस अनोखे और दिव्य श्रृंगार को देखकर उनकी आँखें खुली की खुली रह गईं। मंदिर का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा, और हर तरफ से 'हर-हर महादेव' के जयकारे गूंजने लगे। इस विशेष आयोजन में शिव जी का श्रृंगार ₹1,11,000 की भव्य राशि से किया गया था, जिसने इस दिव्य क्षण को और भी अविस्मरणीय बना दिया। यह कोई साधारण सजावट नहीं थी, बल्कि प्रभु के प्रति गहरी श्रद्धा और अटूट विश्वास का प्रत्यक्ष प्रमाण था, जिसे देखकर भक्त पूरी तरह से अभिभूत हो गए।

पुरानी परंपरा और अथाह आस्था: कौन हैं आयोजक?

औघड़दानी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, श्री विनोद कुमार व्यास बाबा ने इस दिव्य आयोजन के पीछे की परंपरा को साझा करते हुए बताया कि यह अनूठी परंपरा हर साल सावन की अंतिम सोमवारी से ठीक दो दिन पहले निभाई जाती है। इस विशेष श्रृंगार के बाद विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ की भव्य पूजा-अर्चना की गई, उसके बाद मंत्रोच्चार के साथ मनमोहक आरती की गई, जिसने वातावरण को और अधिक पवित्र बना दिया। आरती के समापन के उपरांत उपस्थित भक्तों में प्रेमपूर्वक प्रसाद वितरण किया गया, जिसे ग्रहण कर सभी ने स्वयं को धन्य महसूस किया।

रात तक उमड़ा भक्तों का हुजूम, आगे है और भी अद्भुत नज़ारा!

शुक्रवार को हुए इस भव्य श्रृंगार और पूजन के दर्शन के लिए मंदिर में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दिन ढलने के बाद भी श्रद्धालु लगातार मंदिर पहुँचते रहे, और रात तक मंदिर परिसर भक्ति के रंग में डूबा रहा। ऐसा माहौल था कि हर कोई भोलेनाथ के इस अद्भुत स्वरूप के दर्शन कर पुण्य कमाना चाहता था। मीरगंज और आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में भक्तों ने आकर इस धार्मिक उत्सव का हिस्सा बने।

अध्यक्ष व्यास बाबा ने बताया कि यह तो बस एक शुरुआत है। आगामी सोमवारी को भगवान भोलेनाथ का एक और भी अधिक अद्भुत और अविश्वसनीय श्रृंगार किया जाएगा, जिसकी भव्यता वर्तमान श्रृंगार से भी बढ़कर होगी। यह घोषणा शिव भक्तों के उत्साह को और भी बढ़ा देगी, जो सावन के शेष दिनों में भी अधिक से अधिक धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं। इस प्रकार के धार्मिक आयोजन न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि समुदायों को एक साथ जोड़ने और पारंपरिक मूल्यों को जीवंत रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सावन मास वाकई शिवमय हो गया है!