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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस साल 25 नवंबर को शीतकालीन विराम लेगी। बदरीनाथ धाम के कपाट दोपहर 2:56 बजे बंद होंगे।

गुरुवार को धाम में आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग के अनुसार पंच पूजा और भगवान बदरी विशाल के विग्रहों के शीतकालीन गद्दीस्थल, पांडुकेश्वर व ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान की तारीख घोषित की गई।

विजयादशमी के मौके पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और हक-हकूकधारी तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने धाम के कपाट बंद होने का मुहूर्त घोषित किया।

कार्यक्रम में धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट और अमित बंदोलिया, मंदिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, पंडित मोहित सती समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने वर्ष 2026 के लिए धाम के हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की और सभी थोकों के पदाधिकारियों का सम्मान किया।

धाम में पंच पूजा और विग्रह प्रस्थान का कार्यक्रम:

21 नवंबर: सुबह भगवान गणेश की पूजा और शाम को गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे।

22 नवंबर: आदि केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे।

23 नवंबर: खडग पुस्तक का वाचन बंद होगा।

24 नवंबर: माता लक्ष्मी को कढ़ाई भोग अर्पित किया जाएगा। रावल माता लक्ष्मी को भगवान नारायण के साथ गर्भगृह में विराजमान होने का न्योता देंगे।

25 नवंबर: माता लक्ष्मी गर्भगृह में विराजमान होंगी। दोपहर 2:56 बजे धाम के कपाट बंद होंगे।

26 नवंबर: भगवान बदरी विशाल के प्रतिनिधि और देवताओं के खजांची कुबेरजी के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान करेगी।

केदारनाथ धाम और अन्य केदारों की डोली यात्रा:

द्वितीय केदार मध्यमेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट भी तय तिथियों पर बंद होंगे।

केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद होंगे और बाबा केदार की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।

मध्यमेश्वर धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे और डोली अगले दिन से ओंकारेश्वर मंदिर तक यात्रा करेगी।

तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट 6 नवंबर को बंद होंगे और डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।

यमुनोत्री धाम:

भैयादूज पर 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। देवी यमुना की विग्रह डोली खरसाली स्थित यमुना मंदिर पहुंचेगी।

इस तरह उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2025 का शीतकालीन चरण पूरी तैयारी और धार्मिक विधियों के साथ संपन्न होगा। इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या भी लाखों में रही है, जो दर्शाती है कि चारधाम यात्रा हर साल कितनी श्रद्धा और आस्था से जुड़ी है।