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तृणमूल ने जीती राज्य की सभी जिला परिषद सीटें, जनाधार वाले जिलों में भी BJP को मिली करारी हार

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कोलकाता।। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के परिणाम बुधवार रात तक स्पष्ट हो गए। राज्य की 80 फीसदी ग्राम पंचायत सीटों पर कब्जा करने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की सभी जिला परिषद सीटों पर भी कब्जा जमा लिया है। पश्चिम बंगाल में BJP के 70 से अधिक विधायक और 18 सांसदों के बावजूद एक भी जिला परिषद पर काबिज न हो पाना, पार्टी के लिए निराशाजनक है।

हालांकि प्रदेश BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि चुनाव वाले दिन हिंसा और मारपीट की वजह से लोग वोट देने नहीं गए और अधिकतर वोट छापामारी कर लिए गए हैं। इसलिए यह परिणाम बहुत अधिक मायने नहीं रखता।

बहरहाल हिंसा और आपराधिक घटनाओं के बावजूद BJP ने 212 ग्राम पंचायतों पर कब्जा जमाया है। अगर उसे निष्पक्ष वोटिंग का नतीजा माना जाए तो जिला परिषद की एक भी सीट पार्टी की झोली में नहीं आना निश्चित तौर पर 2024 से पहले बड़ा झटका माना जा रहा है। राज्य में 3317 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें से 2641 पर तृणमूल का कब्जा हुआ है। ऐसे ही 341 पंचायत समिति में से 313 पर तृणमूल का कब्जा हुआ है। जबकि राज्य की सभी 20 जिला परिषदों पर तृणमूल ने कब्जा जमाया है।

बुधवार रात तक जब तस्वीर स्पष्ट हुई तो यह उम्मीद भी टूट गई कि उत्तर बंगाल के जिले जिनमें अलीपुरद्वार और कूचबिहार में BJP हमेशा से मजबूत रही है, वहां भी कांटे की टक्कर होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

2018 के पंचायत चुनाव की तरह इस बार भी सभी जिला परिषदों पर तृणमूल ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के गढ़ पूर्व मेदिनीपुर में भी BJP की मजबूती की उम्मीद थी लेकिन शुभेंदु के घर के आसपास के कुछ मतदान केंद्रों को छोड़ दिया जाए तो पूरे जिले में तृणमूल का दबदबा रहा। यह BJP के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है।

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