(सस्पेंस खत्म)
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान हो गया। बताया जा रहा है कि विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे।कुनकुरी विधानसभा सीट से विधायक विष्णुदेव साय आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं। बता दें कि विष्णुदेव साय के नाम ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि विष्णुदेव साय का नाम मुख्यमंत्री की रेस में नहीं था।भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी के तीन पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार गौतम के अलावा ओम माथुर, मनसुख मांडविया मौजूद रहे। रायपुर स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने मिलकर विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगाई। छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटर काफी निर्णायक माना जाता है। राज्य की 32 फीसदी आबादी आदिवासी है और 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहती हैं।
छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को लेकर माना जाता है कि यहां पर बिना आदिवासी वोटर के कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती है। बड़ी बात ये भी है कि जिस तरफ भी आदिवासी वोट पड़ता है, उसकी सरकार बनना तय रहता है। इस बार छत्तीसगढ़ चुनाव में जो 29 आरक्षित सीटें रहीं, उनमें से 17 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। पिछली बार इन्हीं सीटों पर पार्टी का सूपड़ा साफ हुआ था। माना जा रहा है कि आदिवासी वोटरों के पाले में आने की एक बड़ी वजह विष्णुदेव साय भी रहे। ऐसे में अब उन्हें सीएम बनाकर पूरे आदिवासी समाज को बड़ा संदेश देने का काम किया गया है।
बीजेपी लंबे समय से एक सोची समझी रणनीति के तहत आदिवासी और पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश में लगी है। इसका एक तरीके उसने ढूढ़ निकाला है, वो बड़े पदों पर ऐसे समाज के लोगों को मौका दे रही है। कुछ महीनों पहले इस देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू मिली थीं। अब पार्टी ने उसी नेरेटिव को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ को भी उसका पहला आदिवासी सीएम दे दिया है। विपक्ष इस समय जातीय जनगणा के पीछे पड़ा है, तब बीजेपी ने दो कदम आगे बढ़कर विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बना सबसे बड़ा सियासी दांव चल दिया है।