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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लुधियाना पश्चिमी सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की जीत के बाद पंजाब की सियासत में हलचल तेज हो गई है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पार्टी नेतृत्व उन्हें क्या जिम्मेदारी देता है।

चुनाव प्रचार के दौरान खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंच से कहा था कि संजीव अरोड़ा को मंत्री बनाया जाएगा। यहां तक कि केजरीवाल ने तो उन्हें उपमुख्यमंत्री पद देने की बात तक कह दी थी। हालांकि, अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि भगवंत मान इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं थे।

अब जबकि संजीव अरोड़ा विधायक बन चुके हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल अपने वादे पर कायम रहते हैं या फिर मान की सहमति से ही कोई फैसला लेते हैं।

संजीव अरोड़ा को केवल मंत्री पद ही नहीं, बल्कि उद्योग और हाउसिंग जैसे अहम महकमे दिए जाने की चर्चा है। पंजाब कैबिनेट में अभी भी दो मंत्री पद खाली हैं। जालंधर पश्चिमी से मोहिंदर भगत के जीतने पर भी मंत्री पद दिया गया था, लेकिन उन्हें कोई बड़ा विभाग नहीं मिला।

संजीव अरोड़ा के मामले में पार्टी सतर्क नजर आ रही है और उन्हें सम्मानजनक जिम्मेदारी देने की तैयारी चल रही है।

सूत्रों का कहना है कि माझा क्षेत्र से भी एक नया मंत्री बनाया जा सकता है। अमृतसर के डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर पहले मंत्री थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था। अब उनकी वापसी की भी अटकलें लग रही हैं।

इस पूरे फेरबदल के बीच कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी या उनके विभागों में फेरबदल भी हो सकता है।

इसके अलावा, चूंकि संजीव अरोड़ा अब विधायक बन चुके हैं, इसलिए उन्हें राज्यसभा से इस्तीफा देना होगा। इस खाली सीट पर पार्टी किसी बड़े चेहरे को भेज सकती है। चर्चाएं हैं कि खुद अरविंद केजरीवाल या फिर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे नेताओं में से कोई राज्यसभा जा सकता है।

अब सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी किस तरह संतुलन बनाकर अपने फैसले लेती है – यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।