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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखपुर स्थित वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के नाम पर विश्व स्तरीय ज्ञान-विज्ञान पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना का काम मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

यह प्रदेश का दूसरा विज्ञान पार्क होगा, जिस पर 15 करोड़ 89 लाख रुपये की लागत आएगी। साथ ही, नक्षत्रशाला का आधुनिकीकरण 46 करोड़ 88 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है। यह दोनों परियोजनाएं मिलकर गोरखपुर को पूर्वांचल में विज्ञान शिक्षा और शोध का केंद्र बनाएंगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर 2022 में नक्षत्रशाला का दौरा किया था और आंशिक सूर्य ग्रहण का अवलोकन करने के दौरान ही इसके कायाकल्प और विज्ञान पार्क की स्थापना के निर्देश दिए थे। इसके बाद जुलाई 2024 में नक्षत्रशाला के आधुनिकीकरण और मई 2025 में पार्क निर्माण का कार्य शुरू हुआ।

नए ज्ञान-विज्ञान पार्क में विद्यार्थियों को आभासी (वर्चुअल) अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव मिलेगा, जहां वे खेल-खेल में विज्ञान सीख सकेंगे और तारों के रहस्यों को समझ पाएंगे। यहां थ्री डी प्रोजेक्टर, एम्फी थिएटर, स्पेशल साइंस गैलरी और सबसे खास एक्टिविटी लैब बनाई जा रही है, जिसमें विद्यार्थी प्रायोगिक गतिविधियों के ज़रिए विज्ञान की बारीकियों को समझेंगे।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने हाल ही में नक्षत्रशाला और निर्माणाधीन पार्क का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह परियोजना न केवल गोरखपुर, बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए विज्ञान शिक्षा का प्रमुख केंद्र बने। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

इस परियोजना के पूरा होने के बाद नक्षत्रशाला और ज्ञान-विज्ञान पार्क प्रदेश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगे।