
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत में मधुमेह एक बहुत ही आम बीमारी बन गई है, जिससे लाखों लोग पीड़ित हैं। समय-समय पर इस बीमारी को लेकर कई अध्ययन सामने आते रहते हैं, लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार को सौंपी गई एक नई रिपोर्ट ने सबका ध्यान खींचा है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नियमित योगाभ्यास से टाइप-2 मधुमेह का खतरा 40% तक कम हो सकता है। खास बात यह है कि यह उन लोगों के लिए ज़्यादा फायदेमंद है जिन्हें इस बीमारी का खतरा ज़्यादा है, जैसे कि जिनके परिवार में पहले से ही मधुमेह है। यह रिपोर्ट योग और टाइप-2 मधुमेह से बचाव पर आधारित है और वैज्ञानिक रूप से तैयार की गई है।
रिपोर्ट में क्या खास बात है?
यह रिपोर्ट रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) द्वारा तैयार की गई है, जिसके प्रमुख प्रसिद्ध एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. एस. वी. मधु हैं। यह पहली बार है जब किसी वैज्ञानिक अध्ययन में योग को टाइप-2 मधुमेह की रोकथाम से जोड़ा गया है। अब तक, ज़्यादातर शोध उन लोगों पर केंद्रित रहे हैं जो पहले से ही मधुमेह से पीड़ित हैं। लेकिन यह नई रिपोर्ट उन लोगों पर केंद्रित है जिनमें मधुमेह होने की संभावना ज़्यादा होती है।
इस रिपोर्ट में कुछ खास योगासनों का ज़िक्र है, जो इस बीमारी से बचाव में मददगार साबित हुए हैं। ये आसन न सिर्फ़ शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि तनाव कम करने और शरीर में इंसुलिन के इस्तेमाल को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं। हालाँकि, यह रिपोर्ट अभी गैर-नैदानिक अवलोकनों पर आधारित है और इसे आगे के परीक्षण के लिए भेजा गया है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में इस पर और गहन शोध होगा, ताकि योग के फ़ायदों को और बेहतर ढंग से समझा जा सके।
योग और आधुनिक विज्ञान का संगम
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जो स्वयं एक वरिष्ठ मधुमेह विशेषज्ञ हैं, ने इस रिपोर्ट को भारत की पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणाली का वैज्ञानिक सत्यापन बताया। उन्होंने कहा कि अध्ययन दर्शाता है कि योग जैसी प्राचीन पद्धतियाँ, आधुनिक विज्ञान के साथ मिलकर, स्वास्थ्य समस्याओं का प्रभावी समाधान प्रदान कर सकती हैं। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग इस दिशा में और शोध कर रहा है ताकि यह समझा जा सके कि मधुमेह की रोकथाम और उपचार में योग और अन्य पारंपरिक उपचार कितने प्रभावी हो सकते हैं।
मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है
भारत में मधुमेह तेज़ी से बढ़ रहा है। खराब जीवनशैली, तनाव, गलत खान-पान और कम शारीरिक गतिविधि इसके मुख्य कारण हैं। टाइप-2 मधुमेह तब होता है जब शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता या पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता। यह बीमारी न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि हृदय रोग, गुर्दे की समस्या और आँखों के रोग जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण भी बन सकती है। ऐसे में योग जैसे प्राकृतिक और सस्ते उपाय इस बीमारी से बचाव में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
योग क्यों लाभदायक है?
योग न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। यह तनाव को कम करता है, जो मधुमेह का एक प्रमुख कारण है। सूर्य नमस्कार, धनुरासन, भुजंगासन और पश्चिमोत्तानासन जैसे कुछ योग आसन शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, प्राणायाम और ध्यान जैसे व्यायाम तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।