Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने मोहम्मद अज़हरुद्दीन को मंत्रिमंडल में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया। भाजपा ने इसे जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव से जोड़ते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया।
भाजपा की चुनाव आयोग मामलों की समिति की अध्यक्ष मैरी शशिधर रेड्डी ने मुख्य चुनाव अधिकारी सी. सुदर्शन रेड्डी से मुलाकात की और शपथ ग्रहण समारोह रोकने की मांग की। भाजपा का दावा है कि अजहरुद्दीन को मंत्री बनाना जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश है। मैरी शशिधर रेड्डी ने कहा कि अजहरुद्दीन जुबली हिल्स के मतदाता हैं और 2023 में कांग्रेस के उम्मीदवार भी थे। इसलिए, यह कदम एक खास समुदाय के पक्ष में मतदाताओं को लुभाने की कोशिश है। भाजपा ने इस कदम को आदर्श आचार संहिता के पूरी तरह खिलाफ बताया।
भाजपा को अल्पसंख्यक नेता की सफलता बर्दाश्त नहीं
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का तीखा जवाब देते हुए इसे सांप्रदायिक राजनीति करार दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और सांसद चामला किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि भाजपा किसी प्रमुख अल्पसंख्यक नेता को मंत्रिमंडल में शामिल करना बर्दाश्त नहीं कर सकती। यह जुबली हिल्स में सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का रहा है। कांग्रेस ने भाजपा पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के साथ गुप्त समझौता करने का भी आरोप लगाया ताकि कांग्रेस अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को मजबूत न कर सके।
कांग्रेस प्रवक्ता अदंका दयाकर ने इस मुद्दे पर कहा, "अज़हरुद्दीन देश का गौरव हैं। उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर भारत को गौरवान्वित किया। उनके बारे में सांप्रदायिक टिप्पणी करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।" उन्होंने भाजपा को याद दिलाया कि राजस्थान में उपचुनाव से 20 दिन पहले भाजपा ने ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। उस समय इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना गया था।




