
नवरात्रि (Navratri) के व्रत के बाद कन्या पूजन (Kanya Pujan) का विशेष महत्व है। इस समय चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है जो 11 अप्रैल दिन रविवार को समाप्त होगा। चैत्र नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की विधि-विधान से उपासना की जाती है।इसी की में नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का महत्व बताया गया है। इस दिन 2 वर्ष से 11 वर्ष की बच्चियों की पूजा की जाती है और उन्हें खाना खिलाया जाता है। मान्यता है कि कन्याएं देवी का स्वरूप होती है। आइये जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन की तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि।
नवरात्रि (Navratri) के अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करने का विधान है। इस बार अष्टमी तिथि 09 अप्रैल दिन शनिवार को पड़ रही है। इसे महाष्टमी भी कहते हैं। अष्टमी तिथि का आरंभ 8 अप्रैल को रात 11 बजकर 05 मिनट होगा और इसका समापन 9 अप्रैल की देर रात 1 बजकर 23 मिनट पर होगा।
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा जो सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा सुकर्मा योग दिन में 11 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 58 मिनट तक है। दिन का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है। इन शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन (Kanya Pujan) करना बेहद शुभ होता है। (Navratri)
चैत्र शुक्ल नवमी को राम नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भी कन्या पूजन (Kanya Pujan) का विधान है। पंचांग के मुताबिक नवमी तिथि का आरंभ 10 अप्रैल की रात्रि 1बजकर 23 मिनट से होगा और 11 अप्रैल की सुबह 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इस दिन सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन रवि पुष्य योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं जो पूरे दिन रहेंगे। ऐेसे में इस दिन सुबह से ही कन्या पूजन किया जा सकता है। (Navratri)
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