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हल्द्वानी। उत्तराखंड में कुमाऊं के छह जिलों में लगातार हो रही ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल, यहां बीते 48 घंटे से हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। बारिश की वजह से कई जगह सड़कों पर लैंडस्लाइड हो गया है जिससे आवाजाही प्रभावित हो रही है। नेशनल हाईवे पर भी लोग जाम में फंसे हुए है। प्रदेश के चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और नैनीताल में तो नेशनल हाईवे ठप हो गए हैं।

प्रदेश में बिगड़े मौसम के मद्देनजर नैनीताल, अल्मोड़ा और चंपावत के जिलाधिकारियों ने सोमवार को भी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दे दिया। वहीं सीमांत जिले पिथौरागढ़ से इंटरनेशनल सीमा का भी संपर्क कट गया है।बताया जा रहा है कि पिथौरागढ़ से चीन और नेपाल सीमा को जोड़ने वाली 6 सड़कें भूस्खलन की वजह से बंद हो चुकी हैं। यहां की गाला-जिप्ती, तवाघाट-घटियाबगड़, घटियाबगड़-लिपुलेख, कुंजीकुटी-जौलीकांग, पिथौरागढ़-धारचूला, जौलजीवी-मुनस्यारी बॉर्डर रोड बंद है।

कई नेशनल हाईवे बंद

अब अगर बात करें अल्मोड़ा की तो अल्मोड़ा-घाट-पनार-मकदाऊ नेशनल हाईवे पर भी आवागमन ठप है जबकि पिथौरागढ़ में घाट-पिथौरागढ़ एनएच, दिल्ली बैंड के पास लैंडस्लाइड होने से मार्ग बंद हो गया है। चंपावत में NH-100, 106 स्वाला कोट- अल्मोड़ा हाईवे अपर आवाजाही ठप है जबकि नैनीताल में ज्योलीकोट से खैरना होते हुए क्वारब को जाने वाला हल्द्वानी- अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग भी जगह-जगह हुई लैंडस्लाइड की वजह से बंद हो गया है। बारिश के हालात ऐसे हैं कि पूरे कुमाऊं मंडल में 105 से ज्यादा सड़कें बंद हो चुकी हैं।

नदियां भी उफान पर

उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश की वजह से मैदान की नदियां भी उफान पर हैं। बताया जा रहा हैं कि बागेश्वर में बहने वाली सरयू, पिथौरागढ़ में बहने वाली काली, नैनीताल जिले में बहने वाली कोसी और रामगंगा खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच चुकी हैं। वहीं ऊधम सिंह नगर में मौजूद सभी जलाशय खतरे के निशान को पार कर चुके हैं।