हेल्थ डेस्क. कोरोना तेजी से देशभर में पैर पसार रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते प्रकोप और कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर रफ्तार पकड़ने लगी है। ओमीक्रोन के मामले भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। कोरोना काल में विशेषज्ञ इम्यून तंत्र की मजबूती के लिए हल्दी का दूध या काढ़ा पीने पर जोर दे रहे हैं। हमारे यहां लंबे समय से हल्दी को मसाले के साथ-साथ औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। शोध बताते हैं कि निश्चित मात्रा में हल्दी का सेवन, कैंसर जैसे गंभीर रोगों में भी गुणकारी साबित हो सकता है।
बहुत ज्यादा मात्रा में एनएसएआईडीज दवाओं का सेवन, तनाव और कई अन्य कारणों की वजह से पेट में अल्सर हो सकता है। कुछ साल पहले एक अध्ययन ‘एंटी-ऑक्सीडेंट्स एंड रेडॉक्स सिग्नलिंग जर्नल’ में प्रकाशित हुआ था। इसके अनुसार, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन रक्त-वाहिकाओं को जरूरी स्थानों पर मदद पहुंचा सकता है और एनएसएआईडीज द्वारा क्षतिग्रस्त कोलेजन फाइबर को ठीक कर सकता है।
हल्दी, संक्रमण के दौरान श्वसन नलिकाओं में होने वाली सूजन कम करने में मदद कर सकती है। यह मैक्रोफेज (इम्यून प्रतिक्रिया शुरू करने वाली कोशिकाएं) की सक्रियता को दबा देता है, जो सूजन के लिए जिम्मेदार होती हैं। हल्दी एक शानदार एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो इन्फेक्शन से कोशिकाओं को होने वाली क्षति को कम करती है। हल्दी के तेल की भाप लेने से कफ और बलगम में काफी राहत मिलती है। ब्रोंकाइटिस के लक्षणों में भी राहत मिलती है।