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चमोली। एक तरफ उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से स्टूडेंट के साथ एक टीचर की क्रूरता खबरों आई है तो वहीं उत्तराखंड के पहाड़ से एक ऐसे टीचर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो अपने स्टूडेंट्स का इतना चहेता बन गया है कि उसके जाने की खबर पर बच्चे फूट-फूट कर रोने लगे। बच्चे तो बच्चे टीचर की विदाई पर पूरा गांव उमड़ आया। वहीं बच्चे बिलखने लगे। ये वाकया चमोली ज़िले के सलुड़ डुंग्रा के जूनियर हाई स्कूल का है।

बच्चों के रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल स्कूल में तैनात विज्ञान और गणित के अध्यापक राजेश थपलियाल का प्रमोशन जोशीमठ विकासखड के थैंग गांव में हो गया है। कहते हैं कि जबसे बच्चों को ये बात पता चली वे फूट-फूट कर रोने लगे क्योंकि बच्चों का थपलियाल से इतना ज्यादा लगाव हो गया है कि वे उन्हें स्कूल से जाने ही देना नहीं चाहते। 6 सालों से विज्ञान और गणित विषय के टीचर राजेश थपलियाल ने विद्यालय के भविष्य को बनाने में काफी योगदान दिया है। उनके योगदान की चर्चा पूरे इलाके में होती है।

राजेश थपलियाल की मेहनत और लगन का सबूत यह बताया जाता है कि जबसे वह इस सरकारी स्कूल के टीचर के तौर पर तैनात हुए तबसे उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कई प्रयास और इनोवेशन किए। इसका परिणाम ये रहा कि पहले जो प्राइवेट स्कूल गांव में चल रहे थे थपलियाल के आने के बाद 2 साल के अंदर ही बंद हो गए। अब गांव के सारे बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं।

थपलियाल के रहते बच्चे राष्ट्रीय छात्रवृत्ति और राज्यीय छात्रवृत्ति तक पाने लगे। स्कूल में लगभग 10 छात्रों को इस तरह का लाभ मिल रहा है। उनकी इन्हीं कामों की वजह से उन्हें जोशीमठ का सर्वश्रेष्ठ अध्यापक भी चुना जा चुका है। स्कूल प्रधानाचार्य दर्शन लाल भारती, ज्योत्सना डिमरी का कहना है कि थपलियाल की कमी विद्यालय को हर समय खलेगी, लेकिन सरकारी आदेश का पालन करना भी हर अध्यापक की जिम्मेदारी है।