ऋषिकेश। कोरोना काल के दो साल बाद एक बार फिर से योग नगरी में इंटरनेशनल योग दिवस बड़े स्तर पर पूरे मनोयोग से मनाया जा रहा है। आज सुबह साढ़े छह बजे हजारों लोगों ने गंगा के किनारे बह रही मंद-मंद बयार के बीच निरोगी काया पाने के लिए योग की अलग-अलग क्रियाएं की।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सपरिवार परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे थे। आश्रम में मौजूद ऋषिकुमारों ने मंत्रोच्चारण और शंखनाद की ध्वनियों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। मंगलवार की सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में हजारों लोग योग क्रिया की।
गौरतलब है कि ऋषिकेश ने योगनगरी के रूप में देश-विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त की है। यहां दुनिया भर से लोग योग, अध्यात्म और ध्यान का ज्ञान प्राप्त करने आते हैं। ऋषिकेश में रहने वाले लोगों में इस कदर जुनून है कि हर घर में कोई न कोई योग करता हुआ नजर आ जयेगा। यहां पांच साल के बच्चे से लेकर 70 साल तक के बुजुर्ग भी अपनी योग क्रियाओं से लोगों को हैरान कर देते हैं। ऋषिकेश में लगभग 450 योग प्रशिक्षण केंद्र हैं। यहां बच्चों की जीवनचर्या का हिस्सा जिम नहीं बल्कि योग है।
वहीं बड़ी संख्या में युवा इसे रोजगार के सशक्त माध्यम के रूप में भी अपना रहे हैं, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो सालों से लोग घरों में कैद होकर रह गए। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी घरों के भीतर और छतों पर ही सिमट कर रह गया। अब दो साल बाद आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में हजारों लोगों ने सुबह 6.30 बजे एक साथ खुले आसमान के नीचे योग क्रियाओं आनंद उठाया।