नई दिल्ली। देश की राजधानी जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा की साजिश एक सप्ताह पहले यानी राम नवमी के दिन ही रच ली गई थी। इस हिंसा को अंजाम देने के लिए पहले से ही छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें इकट्ठा कर ली गई थीं। शोभा यात्रा में बहस करने वाला आरोपी अंसार ही इसका मुख्य साजिशकर्ता है। अंसार एक संगठित आपराधिक गिरोह का सरगना है। यह खुलासा दिल्ली पुलिस की गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में हुआ है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की मानें तो जहांगीरपुरी हिंसा के अधिकांश आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है और जो थोड़े-बहुत बचे भी हैं उनकी धरपकड़ की जा रही है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि रामनवमी वाले दिन मुख्य आरोपी अंसार की कुशल चौक के पास 10 से 12 लोगों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में ही हिंसा की साजिश को रचा गया था।
बैठक में ही तय हुआ था कि हनुमाज जयंती पर निकलने वाली शोभा यात्रा को कुशल चौक से नहीं गुजरने दिया जाएगा। यही मुद्दा था जिसकी वजह से हिंसा हुई थी। बताया जाता है कि जब तीसरी बार शोभा यात्रा यहां से गुजर रही थी तभी अंसार ने यात्रा में पीछे शामिल लोगों से बहस करनी शुरू कर दी। इसके तुरंत बाद पथराव शुरू हो गया था।
पुलिस अधिकारी ने रिपोर्ट में खुलासा किया है कि साजिश को अंजाम देने के लिए एक सप्ताह पहले से ही घरों की छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें इकट्ठा किया जाने लगा था। छतों पर ईंटें व पत्थर एकत्रित करने की पुष्टि इस बात से होती है कि दिल्ली पुलिस की फोरेंसिक टीम जब छतों पर जांच करने गई तो वहां काफी मात्रा में ईंट व पत्थर मिले थे। बता दें कि दिल्ली पुलिस में अंसार पर दो जानलेवा हमला, आर्मस एक्ट तथा सट्टेबाजी के पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं।