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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : करवा चौथ का व्रत हर सुहागन महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जल व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। निर्जल व्रत का मतलब है कि महिला सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक कुछ भी नहीं खाती और पानी भी नहीं पीती। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूरा दिन बिना पानी और भोजन के रहने से शरीर पर क्या असर पड़ता है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि पूरा दिन बिना पानी और भोजन के रहने से शरीर पर क्या असर पड़ सकता है।

निर्जल उपवास के शरीर पर क्या प्रभाव होते हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, करवा चौथ व्रत के दौरान लंबे समय तक पानी न पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके साथ ही सिरदर्द, थकान, चक्कर आना जैसे लक्षण अनुभव होते हैं। अगर यह स्थिति बिगड़ जाए, तो इससे हृदय गति में कमी और कमजोरी हो सकती है। लंबे समय तक कुछ न खाने-पीने से ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है, जिससे थकान और चिड़चिड़ापन हो सकता है। इसके अलावा, लंबे समय तक पानी न पीने और भूखे रहने से कई महिलाओं में ब्लड प्रेशर लो हो सकता है और ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है, जिससे कई समस्याएं भी हो सकती हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि व्रत या इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन वाटरलेस फास्टिंग का शरीर पर उल्टा असर पड़ता है।

किसे निर्जल उपवास नहीं रखना चाहिए?

डॉक्टरों के अनुसार, बिना पानी के उपवास करना सभी महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं है। विभिन्न चिकित्सीय स्थितियों से पीड़ित महिलाओं के लिए इस प्रकार का उपवास खतरनाक साबित हो सकता है। मधुमेह या उच्च रक्तचाप से पीड़ित महिलाओं को इस प्रकार के उपवास से बचना चाहिए। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इस प्रकार के उपवास से बचना चाहिए। इसके अलावा, किडनी, पेट या हार्मोनल समस्याओं वाली महिलाओं के लिए यह उपवास हानिकारक हो सकता है।

करवा चौथ का व्रत पूरे दिन बिना पानी या भोजन के रखा जाता है। स्वस्थ शरीर बनाए रखने के लिए महिलाओं को दिन भर कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए महिलाओं को व्रत से एक दिन पहले और व्रत के दौरान पर्याप्त पानी पीना चाहिए और ऐसे खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जो उन्हें लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखें, ताकि व्रत के दौरान उन्हें चक्कर या कमजोरी महसूस न हो। इसके अलावा, महिलाओं को दिन भर अत्यधिक शारीरिक गतिविधि या घर के काम से बचना चाहिए। समय-समय पर आराम करने से भी आराम मिलता है। इसके अलावा, महिलाओं को इस दिन तनाव से बचना चाहिए। चांद दिखने या व्रत खोलने के तुरंत बाद उन्हें हल्का भोजन भी करना चाहिए।