नैनीताल । हाई कोर्ट ने यौन शोषण मामले के आरोपित लालकुआं दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा की गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने के मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने 17 सितंबर तक मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही उन्हें जांच में पुलिस का सहयोग करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि केस में शामिल किसी गवाह को डराया या धमकाया नहीं जाएगा और न ही उन्हें प्रभावित करेंगे। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा पर एक महिला ने उसे नियमित नौकरी दिलाने के नाम पर होटल में बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इसके बाद मुकेश सिंह बोरा पर लालकुआं थाने में आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। यही नहीं पुलिस ने बोरा के खिलाफ लुक आउट का नोटिस जारी कर दिया और उनकी संपत्ति को कुर्क करने की कार्यवाही भी की जा रही है। लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने उनके खिलाफ लगाई गई धारा 376 और पॉस्को एक्ट की धाराओं को खत्म करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया है।