देहरादून। पहाड़ों की रानी मसूरी ने दिसंबर की शुरुआत में ही अपनी बर्फीली चादर से पर्यटकों और स्थानीय लोगों का दिल जीत लिया। शनिवार सुबह हुई हल्की बर्फबारी और दोपहर की ओलावृष्टि ने मसूरी को सर्दी का जश्न मनाने वाला स्वर्ग बना दिया। लाल टिब्बा, कैमल बैक रोड और धनोल्टी जैसे पर्यटन स्थलों पर पर्यटक बर्फ का आनंद उठाते हुए नजर आए। जबकि ठंड ने अपने तेवर दिखाए। स्थानीय लोगों ने गर्म कपड़ों और अलाव का सहारा लिया। इस हल्की बर्फबारी ने न केवल पर्यटन बल्कि स्थानीय कृषि को भी नई उम्मीदें दी हैं। बर्फबारी के बाद मसूरी का नजारा मानो स्वर्ग की तस्वीर पेश कर रहा था।
बर्फबारी का मजा और ठंड का एहसास
सुबह हुई बर्फबारी के बाद मसूरी ने सफेद चादर ओढ़ ली, जो लाल टिब्बा, कैमल बैक रोड, अटल गार्डन समेत आसपास के क्षेत्रों में दिखाई दी। धनोल्टी, बुरासखंडा, सुरकंडा देवी, परी टिब्बा और नाग टिब्बा जैसे इलाकों में भी बर्फबारी हुई, जहां पर्यटक बर्फ का लुत्फ उठाने के लिए उमड़ पड़े। स्थानीय निवासी और पर्यटक भारी ठंड के बीच गर्म कपड़ों और अलाव का सहारा लेते नजर आए। कई लोग बर्फबारी के बीच फोटो खींचते और मस्ती करते दिखे। मसूरी पहुंचे पर्यटकों ने कहा कि दिसंबर की यह बर्फबारी संकेत है कि इस बार मसूरी में शानदार हिमपात देखने को मिलेगा।
पर्यटन और कृषि को मिलेगा लाभ
बर्फबारी से न केवल मसूरी का पर्यटन उद्योग, बल्कि आसपास के किसानों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है। सर्दियों के इस मौसम में बर्फबारी से फसलों के लिए बेहतर जलवायु की संभावना है।
ठंड से परेशान गरीबों की मदद की मांग
बढ़ती ठंड के बीच स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि मसूरी के मुख्य चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की जाए। गरीब और मजदूर वर्ग को ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरण की मांग भी की जा रही है।
यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने की कोशिश
पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीद है कि आगामी दिनों में बर्फबारी और पर्यटन से मसूरी की रौनक और बढ़ेगी।