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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : एआईएमआईएम प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (11 अक्टूबर, 2025) को बिहार चुनाव और राष्ट्रीय राजनीति पर अहम बयान दिया। उन्होंने विपक्ष द्वारा उन्हें 'भाजपा की बी टीम' कहे जाने पर निशाना साधा। ओवैसी ने साफ कहा कि अगर नरेंद्र मोदी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तो इसमें भारतीय मुसलमानों की कोई गलती नहीं है, क्योंकि पीएम मोदी को चुनावों में करीब 50 फीसदी गैर-मुस्लिम वोट मिल रहे हैं। महागठबंधन में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा कि राजद ने उनकी 6 सीटों की मांग खारिज कर दी है, लेकिन उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बिहार के मुसलमानों में नेतृत्व की कमी और सीमावर्ती इलाकों के अविकसित होने का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही उन्होंने मतदाता सूची से करीब 10 लाख नाम हटाने के चुनाव आयोग के कदम पर भी सवाल उठाए।

महागठबंधन में गतिरोध और नेतृत्व की कमी

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन से अपने संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के बिहार अध्यक्ष ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को पत्र लिखकर छह सीटों की मांग की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। ओवैसी ने कहा कि इसके बावजूद उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी और यह स्पष्ट हो जाएगा कि असल में भाजपा को कौन रोकना चाहता है।

ओवैसी ने बिहार की राजनीति में मुस्लिम समुदाय के नेतृत्व का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में लगभग 19% मुसलमान हैं, लेकिन उनमें नेतृत्व का अभाव है, जबकि हर दूसरे समुदाय का अपना नेतृत्व है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एआईएमआईएम की राजनीतिक यात्रा सीमावर्ती क्षेत्र से शुरू हुई है और इस क्षेत्र को न्याय मिलना चाहिए, क्योंकि यह अविकसित है।

ओवैसी पर ' बी टीम ' के आरोप और पलटवार

ओवैसी की पार्टी को विपक्ष बार-बार भाजपा की 'बी टीम' कहता रहा है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "अगर नरेंद्र मोदी तीन बार इस देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तो इसमें भारतीय मुसलमानों का कोई दोष नहीं है।"

उन्होंने तर्क दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावों में लगभग 50% गैर-मुस्लिम वोट मिल रहे हैं, और उन्हें कुल वोटों का 37-38% मिल रहा है, तो इसमें उनकी क्या भूमिका है? उन्होंने विपक्ष को 'आत्मचिंतन' करने और अपनी कमज़ोरियों की जाँच करने की सलाह दी, और कहा कि अगर उन्हें लगता है कि हर समस्या की जड़ ओवैसी हैं, तो उन्हें कोई समस्या नहीं है।

मतदाता सूची और राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रश्न

ओवैसी ने बिहार में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा किए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि लगभग 10 लाख मतदाताओं के नाम, पहले 6.5 लाख और अब 3.5 लाख, सूची से हटा दिए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर लोग समय पर जाँच नहीं करेंगे, तो मतदान के दिन अराजकता फैल सकती है।

राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों पर ओवैसी ने सीधा जवाब देने से परहेज किया, लेकिन कहा कि अगर भाजपा को हराना है तो विपक्ष को 24 घंटे काम करना चाहिए और भाजपा की हर हरकत पर नज़र रखनी चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भाजपा से मुकाबला करते हुए हाथ पर हाथ धरे बैठना ठीक नहीं है।

अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलते हुए, उन्होंने जनसंख्या पर अमित शाह के बयान को ग़लत बताया और बुलडोज़र की कार्रवाई को अवैध और सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया। इसके अलावा, उन्होंने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश को दलितों का अपमान बताया और इस घटना पर सरकार की खामोश प्रतिक्रिया की कड़ी आलोचना की।