Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (11 अक्टूबर, 2025) को कृषि क्षेत्र के लिए कुल ₹35,440 करोड़ की दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया। इन योजनाओं में प्रमुख है ₹11,440 करोड़ के परिव्यय वाला 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन', जिसका उद्देश्य 2030-31 तक दलहन उत्पादन को वर्तमान 25.238 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन करना और आयात पर निर्भरता कम करना है। इसके अलावा, ₹24,000 करोड़ की 'प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना' का शुभारंभ किया गया है, जिसका उद्देश्य खराब प्रदर्शन करने वाले 100 कृषि जिलों में सुधार करना है। ये योजनाएं अगले रबी (सर्दियों) सीजन से 2030-31 तक चालू रहेंगी। पीएम मोदी ने ₹5,450 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और ₹815 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
आयात कम करने के लिए ' दाल आत्मनिर्भरता मिशन ' पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इन महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। इनमें सबसे बड़ी योजना 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' है, जिसके लिए 11,440 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित किया गया है।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार का लक्ष्य फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन को वर्तमान 25.238 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन करना है, जिससे देश की दलहन आयात पर निर्भरता कम हो सके।
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना: 100 जिलों में परिवर्तन
एक अन्य महत्वपूर्ण योजना 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' है, जिसका बजट ₹24,000 करोड़ है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों का कायाकल्प करना है।
यह योजना उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, सिंचाई और भंडारण क्षमता में सुधार लाने और 100 चुनिंदा जिलों के किसानों को आसान ऋण उपलब्ध कराने पर केंद्रित होगी। दोनों योजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और ये अगले रबी (शीतकालीन) सीजन से 2030-31 तक लागू रहेंगी।
विभिन्न कृषि परियोजनाओं का उद्घाटन एवं किसानों का सम्मान
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में ₹5,450 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। इसके साथ ही, उन्होंने लगभग ₹815 करोड़ की अन्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। उद्घाटन की गई परियोजनाओं में बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र, अमरेली और बनास में उत्कृष्टता केंद्र, असम में एक आईवीएफ प्रयोगशाला और मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में दूध पाउडर संयंत्र शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के अंतर्गत प्रमाणित किसानों, मित्रवत तकनीशियनों और प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों (पीएसीएस) को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए, जिन्हें प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) में परिवर्तित कर दिया गया है। इस अवसर पर 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में 50 लाख किसानों की सदस्यता जैसी उपलब्धियों का भी जश्न मनाया गया।




