Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश में ‘आइ लव मोहम्मद’ को लेकर 26 सितंबर को बरेली में हुई हिंसा के लगभग एक महीने बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बरेली में प्रदर्शन पर जिला प्रशासन का सख्त कदम केवल सौहार्द बिगाड़ने की साजिश थी।
आजम खां ने कहा कि अगर प्रशासन और सरकार चाहे तो प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण बातचीत करके मामला आसानी से सुलझाया जा सकता था। उन्होंने इसे एक छोटी-सी चिंगारी बताया, जो बड़े आग की तरह फैल गई। उनका कहना था, “जाहिर है, अगर कोई किसी से प्यार करता है, तो यह उसका जन्मसिद्ध अधिकार है।”
बरेली में यह प्रदर्शन मौलाना तौकीर रजा खान के संदेश पर मुस्लिम संप्रदाय के लोगों द्वारा किया गया था। इस दौरान पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद कुछ लोग हिंसक हो गए और पुलिस पर भी पथराव किया गया। पुलिस ने इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी।
इसके अलावा, दीपावली पर दीयों और मोमबत्तियों पर खर्च को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान के बाद उठी राजनीतिक चर्चा पर आजम खां ने कहा:
“दीये केवल जलते नहीं हैं, वे रोशन करते हैं। जो लोग इन्हें जलाते हैं, वे कुछ भी जला सकते हैं। लेकिन जो लोग रोशनी फैलाते हैं, उनका मकसद केवल उजाला और ठंडक देना होता है, नफरत के अंधेरे को मिटाना होता है। ऐसे लोग मेरे लिए काबिले कद्र हैं और मैं उनकी सराहना करता हूं। मैं उनसे मोहब्बत भी करता हूं।”
आजम खां का यह बयान न केवल बरेली हिंसा के संदर्भ में है, बल्कि दीपावली पर होने वाली राजनीतिक बहस में भी शांति और सौहार्द की तरफ इशारा करता है।




