
देहरादून।। उत्तराखंड में जहां विकास की गाथाएं गायीं जा रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ यहां सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्रों का हाल बुरा है। सरकारी पाठशालाओं में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावें किए जा रहे है वहीं इन विद्यालयों में किस प्रकार की शिक्षा की हकीकत बयां करता मामला उत्तरकाशी से आया है।
यहां स्टूडेंट्स अपना नाम तक अंग्रेजी में नहीं लिख पाए है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि छात्रों को कैसी एजुकेशन दी जा रही है, जब पूरा कोर्स अंग्रेजी माध्यम के होने के दावे शासन करता है। मामले के खुलासे के बाद अध्यापकों पर कार्रवाई की गई है।
खबर के मुताबिक बीएसए ने उत्तरकाशी जिले के सर बडियार क्षेत्र के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल में कई बच्चे अंग्रेजी में अपना नाम तक नहीं लिख पाए। तो वहीं कई विद्यालयों में सरकारी शिक्षक ही लापता मिले। ऐसे में शिक्षा अधिकारी ने जहां एक ओर छह शिक्षकों का एक माह की सैलरी रोक ली। वहीं विद्यालयों में गैरहाजिर मिले दो प्रधानाध्यापकोंके निलंबन की संस्तुति भी की गई।
बताया जा रहा है कि बीईओ अजीत भंडारी ने सर बडियार के प्राथमिक विद्यालय सर, पौंटी, किमडार, डिंगाड़ी व जूनियर विद्यालय सर, डिंगाड़ी, सर बडियार का अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान प्राथमिक विद्यालय पौंटी के प्रधानाध्यापक विजेंद्र पाल व प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी के प्रभारी प्रधानाध्यापक अतोल सिंह के विद्यालय में अनुपस्थित मिले जिस पर उनके निलंबन की संस्तुति आला अफसरों से की गई है।