
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने करीब 50,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के छह महीने से बकाया मानदेय के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और पंजाब सरकार से जवाब तलब किया है।
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि बैंक विवरण में समस्या आने के कारण भुगतान में देरी हुई थी। हालांकि अब मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने राज्य के वकील को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
एक समाचार रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के लगभग 27,000 आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत 50,000 से अधिक कर्मचारियों और सहायिकाओं को पिछले छह महीनों से उनका मानदेय नहीं मिला। कर्मचारियों को कुल 11,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं, जिसमें से 4,500 रुपये मानदेय के रूप में आते हैं।
इसमें केंद्र सरकार से 3,000 रुपये और राज्य सरकार से 1,500 रुपये का योगदान शामिल है। यूनियन नेताओं का आरोप है कि अप्रैल से यह राशि कर्मचारियों के खातों में जमा नहीं हुई है।
देरी से परेशान होकर आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने बुधवार को चंडीगढ़ में सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। यह मामला अब 22 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।