पक्ष और विपक्ष में शुरू हुई जुबानी जंग, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा- हमारे साथ 26 सियासी दल, BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- एनडीए के साथ 38 पार्टियां

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पक्ष और विपक्ष के बीच जैसे आज सियासत का वनडे मैच खेला जा रहा है। विपक्ष ने 26 राजनीतिक दलों के साथ बेंगलुरु में अपनी पारी शुरू कर दी है। वहीं भाजपा अपने सहयोगी एनडीए के साथ राजधानी दिल्ली में कुछ देर बाद पारी शुरू करने वाली है। पक्ष और विपक्ष की यह महाबैठक भले ही करीब 2100 किलोमीटर दूर हो रही है लेकिन दोनों ही दूसरे पर नजर लगाए हुए हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ बेंगलुरु में विपक्ष के महाजुटान का आज दूसरा दिन है। 

कांग्रेस की बुलाई इस बैठक में 26 दलों के नेता पहुंचे हैं। इसमें 2024 चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए रणनीति बनेगी। बैठक के 6 एजेंडे रखे गए हैं। इस बैठक में कांग्रेस समेत कुल 26 दल के नेता शामिल हैं। शरद पवार, एमके स्टालिन, महबूबा मुफ्ती, अखिलेश यादव, फारुक अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, चौधरी जयंत सिंह, नीतीश कुमार, सोनिया गांधी, लालू यादव और तेजस्वी यादव समेत कई नेता बैठक में मौजूद हैं। 

भाजपा ने विपक्ष की बैठक को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा का कहना है कि यह बैठक महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हो रही है। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि बैठक को लेकर भाजपा घबरा गई है। वह डरी हुई है। पार्टी नेताओं ने दावा किया कि 2024 में केंद्र में विपक्ष की सरकार बनेगी। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पार्टी सांसद मनोज झा बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में शामिल होने के लिए होटल पहुंच गए हैं। 

इस दौरान लालू यादव ने कहा कि हमें नरेंद्र मोदी को विदाई देनी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संयुक्त विपक्ष की बैठक पर कहा कि हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार बनाया जा रहा है। सीबीआई, ईडी और आयकर का नियमित रूप से उपयोग किया जाता है। हमारे नेताओं पर झूठे आपराधिक मामले दर्ज कराए जाते हैं, ताकि वे कानूनी प्रक्रिया में फंस जाएं। हमारे सांसदों को निलंबित करने के लिए संवैधानिक प्राधिकारियों का उपयोग किया जाता है। 

विधायकों को बीजेपी में जाने और सरकारें गिराने के लिए ब्लैकमेल या रिश्वत दी जा रही है। बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने कहा कि हम यहां 26 पार्टियां हैं। हम सब मिलकर आज 11 राज्यों में सरकार में हैं। बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं। उसने अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आई और फिर उन्हें त्याग दिया। आज बीजेपी अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग-दौड़ कर रहे हैं। 

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