राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव में प्रसिद्ध गायक पद्मश्री शंकर महादेवन को इस वर्ष मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम नागपुर के रेशिमबाग परिसर में 24 अक्टूबर को आयोजित किया गया है। संघ के प्रचार विभाग ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में वर्ष प्रतिपदा, शिव राज्याभिषेक दिवस, रक्षाबंधन, गुरु पूर्णिमा, विजयादशमी और मकर संक्रांति ऐसे 6 प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। इन उत्सवों के आयोजन के पीछे संघ का अपना दर्शन है। विजयादशमी समारोह और नागपुर में आयोजित तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन का विशेष महत्व है। संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना की थी। इसलिए, विजयादशमी के दिन संघ का स्थापना दिवस भी होता है। इस दिन सरसंघचालक स्वयंसेवकों को पाथेय देते हैं। साथ ही इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले गणमान्य व्यक्तियों को संघ के मंच पर अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। पिछले वर्ष के विजयादशमी उत्सव में पर्वतारोही पद्मश्री संतोष यादव को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। वहीं इस वर्ष 24 अक्टूबर को नागपुर के रेशिमबाग मैदान में आयोजित विजयादशमी कार्यक्रम में शंकर महादेवन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।
'ब्रेथलेस सिंगर' के नाम से मशहूर गायक, संगीतकार शंकर महादेवन केरल के पलक्कड़ में एक तमिल अय्यर परिवार से हैं। उनका जन्म 03 मार्च 1967 को मुंबई के चेंबूर उपनगर में हुआ था। उन्होंने 1988 में राम राव आदिक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नवी मुंबई से कंप्यूटर साइंस और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, लेकिन उनका झुकाव बचपन से ही संगीत की तरफ था। नतीजतन उन्होंने मोटी तनख्वाह की नौकरी छोड़कर अपना जीवन संगीत को समर्पित कर दिया। अपनी माता से संगीत की विरासत प्राप्त करने वाले शंकर महादेवन ने महज 5 वर्ष की आयु में वीणा तथा हारमोनियम बजाना प्रारंभ कर दिया था। महान संगीतकार श्रीनिवास खले और टीआर बालमणी से उन्होंने संगीत की बारीकियों को आत्मसात किया। महज 11 वर्ष की आयु में शंकर महादेवन को भारतरत्न लता मंगेशकर के साथ गाने का मौका मिला। लता मंगेशकर और भीमसेन जोशी ने पहली बार साथ मिलकर शंकर महादेवन को एल्बम में काम करने का मौका दिया था।
मौजूदा समय में शंकर महादेवन का नाम शंकर-एहसान-लॉय के तौर पर लिया जाता है। शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी को हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री में 'अमर अकबर एंथोनी' के नाम से जाना जाता है। महादेवन मराठी, मलयालम, तमिल, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी जैसी सभी भाषाओं में पारंगत हैं। उन्होंने सभी भाषाओं में एक से बढ़कर एक गाने गाए हैं और वो हिट भी हुए हैं। महादेवन को 2019 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 28 सितंबर 2011 को फिल्म "कल हो ना हो" के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए लता मंगेशकर पुरस्कार और 2007 में फिल्म "तारे जमीन पर" के गीत "मां" के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार भी प्राप्त किया है।