Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आईसीएमआर और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के एक नए अध्ययन में पाया गया है कि भारतीयों के दैनिक आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस शोध के अनुसार, भारतीय अपनी दैनिक ऊर्जा का 62 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त करते हैं, जिसमें ज़्यादातर सफेद चावल और प्रसंस्कृत अनाज शामिल हैं। आइए अब बताते हैं कि दैनिक आहार कैसे जोखिम बढ़ा रहा है और आईसीएमआर ने दालों और चावल को लेकर क्या अहम खुलासे किए हैं।
आईसीएमआर की रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?
आईसीएमआर और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए शोध ने 30 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और दिल्ली-एनसीआर में 20 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के घरेलू सर्वेक्षणों से डेटा एकत्र किया। शोध में यह भी पता चला कि भारतीयों के आहार में प्रोटीन कम और संतृप्त वसा अधिक होती है। अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट के सेवन से टाइप 2 मधुमेह, मोटापा और पेट की चर्बी का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों ने न्यूनतम अनुशंसित दैनिक सेवन से अधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया, उनमें मधुमेह का खतरा 30 प्रतिशत, मोटापे का खतरा 22 प्रतिशत और पेट की चर्बी का खतरा 15 प्रतिशत बढ़ गया। इसके अलावा, केवल साबुत अनाज का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। आप गेहूं, बाजरा या चावल की जगह साबुत अनाज चुन सकते हैं, लेकिन अत्यधिक सेवन से टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम नहीं होता है।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
इस शोध के बारे में, विशेषज्ञों का कहना है कि चावल और रोटी भारतीय आहार में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इनमें अक्सर प्रोटीन की मात्रा कम होती है। प्रसंस्कृत और साधारण कार्बोहाइड्रेट, दोनों ही मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, उच्च फाइबर वाली, साबुत अनाज वाली रोटियाँ, मैदे की रोटी से बेहतर विकल्प हैं। इसलिए, लंबे पॉलिश वाले चावल का सेवन सोच-समझकर कम करना चाहिए।
उत्तरजीविता युक्तियाँ
इस शोध में साफ़ तौर पर कहा गया है कि मेटाबॉलिक बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाने चाहिए। इसके लिए लोगों के आहार में कार्बोहाइड्रेट और संतृप्त वसा की मात्रा कम करना ज़रूरी है, साथ ही प्रोटीन युक्त और पौधों पर आधारित आहार को बढ़ावा देना भी ज़रूरी है। इसके अलावा, जीवनशैली में शारीरिक गतिविधि भी ज़रूरी है।
                    
                      
                                         
                                 
                                    



