रांचीएक दिन पहले
पहले घसीटा फिर बेदर्दी से टांगकर सदर अस्पताल ले गए… उत्पाद विभाग के ऑफिस में हार्ट अटैक के बाद जवान धनेश्वर घसीटकर कमरे में लेे गए, फिर टांगकर अस्पताल।
उत्पाद पुलिस के कारण मधुकम निवासी धनेश्वर मेहता (48) की मौत हो गई। उत्पाद विभाग की टीम ने गुरुवार को धनेश्वर को घर से उठाया और अपने ऑफिस ले गई। वहां पूछताछ के बाद उत्पाद पुलिस धनेश्वर को रस्सी से बांधकर कोर्ट में पेश करने के लिए जाने लगी। अचानक धनेश्वर को हार्ट अटैक आया तो उत्पाद पुलिस का एक जवान उन्हें घसीटकर ऑफिस के एक कमरे में ले गया। फिर काफी देर बाद उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया।
परिजन भी पीछे से पहुंच गए। वहां डॉक्टर ने नाजुक स्थिति बताते हुए धनेश्वर को रिम्स रेफर कर दिया। परिजन उन्हें लेकर रिम्स पहुंचे, लेकिन वहां क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में बेड उपलब्ध न होने के कारण मेडिका अस्पताल ले गए। वहां इलाज के दौरान शुक्रवार को धनेश्वर की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि हार्ट अटैक के बाद उत्पाद विभाग ने लापरवाही दिखाई। सदर अस्पताल पहुंचाने में एक घंटा देरी की। अगर हार्ट अटैक के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया जाता तो धनेश्वर की जान बच सकती थी। डॉक्टरों ने बताया कि धनेश्वर का ब्लड शुगर हाई होने और बीपी काफी कम होने के कारण स्थिति गंभीर हो गई थी।
विभाग और परिजनों के अलग-अलग दावे
उत्पाद विभाग ने कहा- कई केस दर्ज थे धनेश्वर पर
उत्पाद पुलिस धनेश्वर मेहता को किस मामले में पकड़कर ले गई थी, इस सवाल पर उत्पाद विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि धनेश्वर गलत काम करता था। उसके ऊपर कई मामले दर्ज थे, इसलिए उसे पकड़ कर लाया गया था।
मृतक के बेटे का दावा- अफसरों ने जुर्म नहीं बताया
मृतक धनेश्वर मेहता के बेटे मनीष ने कहा कि गुरुवार सुबह आठ बजे उनके पिता को उत्पाद पुलिस ने घर से उस समय उठाया, जब वे दूध बेच रहे थे। हमलोगों ने जुर्म के बारे में पूछा, लेकिन उत्पाद अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
बड़ा सवाल
धनेश्वर महतो पर यदि कोई आपराधिक मामला था तो उत्पाद पुलिस उसे बताने से बचती क्यों रही। उत्पाद विभाग के अफसर इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने के लिए सामने क्यों नहीं आ रहे?