तेलंगाना तथा उत्तराखंड भारत के पहले ऐसे प्रदेश बन गए हैं, जहां दूरदराज के स्थानों से साक्ष्य रिकॉर्ड करने की परमिशन देने के लिए कोर्ट की मोबाइल इकाइयां शुरू की गई हैं। औरतों और बच्चों समेत गवाहों तथा पीड़ितों को उन हालातों में साक्ष्य रिकॉर्ड करने की सुविधा देने के लिए ये व्यवस्था शुरू की गई है। जिसमें वे व्यक्तिगत रूप से न्यायालयों के समक्ष पेश होने में असमर्थ होते हैं।
इसका उद्देश्य आवश्यकता के मुताबिक औरतों और बाल पीड़ितों या गवाहों, चिकित्सकों और चिकित्सा पेशेवरों तथा जांच अधिकारियों के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग की इजाजत देना है।
डीजिटल कोर्ट इकाई की सुविधा अधीनस्थ न्यायालयों के लिए है। न्याय विभाग के मुताबिक, इन इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप, एक प्रिंटर, एलईडी टीवी, वेब कैमरा, इन्वर्टर, स्कैनर, यूपीएस, एक अतिरिक्त मॉनीटर और स्पीकर लगे हैं, जो पीड़ित या गवाह से मौके पर जाकर मिल सकते हैं।