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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आजकल व्लॉगर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए कोई भी जानकारी दे रहे हैं। ऐसी फर्जी जानकारी लोगों को गुमराह करती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें रेलवे के नियमों के खिलाफ फर्जी जानकारी दी जाती है। यह जानकारी यात्रियों को रेलवे के नियमों का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित करती है। एक वीडियो क्रिएटर ने एक वीडियो बनाया है जिसमें जानकारी दी गई है कि कोई भी यात्री सामान्य टिकट खरीदकर रेलवे के एसी कोच में प्रवेश कर सकता है। यह जानकारी फर्जी है। जब यह वीडियो वायरल हुआ और रेलवे के संज्ञान में आया, तो व्लॉगर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 

रेलवे के अनुसार , इस तरह का सोशल मीडिया प्रचार यात्रियों को नियमों का उल्लंघन करने के लिए उकसा रहा है । जिससे रेलवे में और अराजकता फैल रही है। चेन्नई डिवीजन ने  इस फ़र्ज़ी वीडियो  को बनाने वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है । आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

भ्रामक वीडियो, झूठी जानकारी, छोटी  रीलें ... दक्षिण रेलवे उन व्लॉगर्स को लेकर बेहद चिंतित है जो रेलवे संचालन के बारे में गलत जानकारी फैलाते हैं और खुद को आधिकारिक या प्रामाणिक स्रोत बताते हैं। रेलवे के अनुसार , दक्षिण रेलवे ने अब ऐसी फर्जी सूचनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है।  

इस वीडियो की बात करें तो सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है । जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जनरल टिकट लेकर भी बिना रिजर्वेशन के एसी कोच में प्रवेश कर सकता है , बिना रिजर्वेशन के यात्रा करने पर सिर्फ ₹250 का जुर्माना और किराया देना होता है और प्लेटफॉर्म टिकट की जरूरत नहीं होती। ऐसे वीडियो देखने वाले यात्री अक्सर अधिकारियों से बहस करते हैं और रेलवे कर्मचारियों को नियमों का पाठ पढ़ाने लगते हैं। जिसके चलते रेलवे ने कानूनी कार्रवाई की है और लोगों से ऐसे फर्जी वीडियो से प्रभावित न होने का अनुरोध किया है । गौरतलब है कि मौजूदा समय में व्लॉगर्स लाखों फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए वीडियो के जरिए झूठे और लुभावने विज्ञापन देते हैं। इस घटना के बाद रेलवे पुलिस ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है 

रेलवे के नियमों के अनुसार, बिना अनुमति के रेलवे परिसर में व्लॉग बनाना , वीडियो रिकॉर्ड करना या तस्वीरें लेना दंडनीय अपराध है । रेलवे का मानना ​​है कि इस नियम के सख्ती से लागू होने से प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में वीडियोग्राफी और अतिक्रमण की घटनाओं में भी कमी आएगी । स्टेशनों, यार्ड , डिपो और दुकानों के अंदर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की अनुमति के नियमों को सख्त बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, गलत सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए रेलवे ने एक्स प्लेटफॉर्म पर एक फैक्ट-चेकिंग हैंडल भी शुरू किया है  । जिसमें अगर आपको रेलवे से जुड़ी कोई भी भ्रामक जानकारी दिखे तो आप इस हैंडल को यहां  टैग कर सकते हैं ताकि ऐसे फर्जी वीडियो पर लगाम लगाई जा सके।