Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अयोध्या में ध्वजारोहण के भव्य आयोजन के तुरंत बाद जन्मभूमि परिसर में रामलला और माता सीता के विवाह की तैयारियाँ शुरू हो गईं। शाम होते-होते सभाकक्ष पूरी तरह वैवाहिक रंग में रंग चुका था। एक ओर बरात का स्वागत था, तो दूसरी ओर घराती बैठकर रस्में निभा रहे थे।
राम मंदिर व्यवस्था से जुड़े गोपाल राव के नेतृत्व में भक्त रामलला की प्रतिकात्मक बरात लेकर मंडप तक पहुंचे। अंदर पहले से ही माता सीता के विग्रह को दुल्हन की तरह सजाया गया था। वैदिक मंत्रों के बीच सात फेरों सहित सभी वैवाहिक रस्में सम्पन्न कराई गईं।
भजन गायक मधुकरिया संत मिथिला बिहारी दास और अन्य कलाकारों ने विवाह गीत सुनाकर पूरे परिसर को उत्सव के माहौल में डुबो दिया। जन्मभूमि परिसर में उपस्थित लोग इस दृश्य को भावविभोर होकर देख रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर मौजूद रहे।
बिड़ला धर्मशाला में भी हुआ राम–सीता का विवाह
उधर, जनकपुर से आए भक्तों ने बिड़ला धर्मशाला में भी सीताराम विवाह का आयोजन किया। यहाँ जनकपुर पक्ष की ओर से आए लोगों ने बरात का विधिवत स्वागत किया।
इस आयोजन में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने राजा दशरथ की भूमिका निभाई। वैदिक मंत्रों के बीच विवाह संपन्न हुआ और प्रतीकात्मक रूप से माता सीता की विदाई भी कराई गई।
विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि जनकपुर से अयोध्या में विवाह का यह दूसरा अवसर है। इससे पहले कारसेवकपुरम में भी ऐसा आयोजन किया जा चुका है।
अयोध्या के पूर्व महापौर रिषिकेश उपाध्याय और उनकी पत्नी वंदना उपाध्याय सहित कई विशिष्टजन विवाह समारोह में शामिल हुए। नेपाल के हिंदू स्वयंसेवक संघ के प्रतिनिधियों समेत कुल 22 प्रमुख व्यक्ति तिलक चढ़ाने के साथ उपस्थित रहे।
शंकर रमण, धनंजय पाठक, वीरेंद्र, उमेश पोढवाल और देवेंद्र जैसे कई महत्वपूर्ण लोग भी इस पावन समारोह का हिस्सा बने।




